World Mental Health Day 2017: डिप्रेशन हो या माइग्रेन, इन योग आसनों से स्वस्थ्य रहेगा ब्रेन
आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में तनाव बढ़ता ही जा रहा है जो कि सेहत के लिए बेहद हानिकारक है।
नई दिल्ली:
आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में तनाव बढ़ता ही जा रहा है जो कि सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। यह न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक सेहत पर भी बुरा प्रभाव डालता है।WHO के अनुमानों के मुताबिक दुनियाभर में 30 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन से ग्रस्त हैं। WHO के मुताबिक डिप्रेशन से ग्रस्त लोगों की संख्या 2005 से 2015 के दौरान 18 फीसदी से अधिक बढ़ी है।
योग से सेहत संवारने में थोड़ा वक्त जरूर चाहिए लेकिन इसका असर रामबाण है। बदलती जीवनशैली से जो बीमारियां आम हो चुकी हैं उनको आसनों की मदद से ठीक कर सकते हैं। योग में ऐसे आसन भी हैं जिनसे रोग फिर नहीं पनप सकते है। योग आसनों का असर इतना होता है कि दवाओं के सहारे की भी जरूरत नहीं पड़ती है।
चालीस की उम्र पार कर चुकी महिलाओं में खानपान की अनियमितता आदि से कैल्शियम की कमी हो जाती है। इसका नतीजा यह है कि घुटनों में दर्द और स्पांडलाइटिस की तकलीफ परेशान करने लगती है। इस आसन को करने से काफी लाभ होता है।
महिलाओं में गर्भाशय संबंधी समस्या और मांसपेशियों में खिंचाव इस आसन से दूर हो जाते हैं। नियमित आसन करने से इस समस्या से निजात पाई जा सकती है।
कपालभाति बिमारियों को किसी न किसी तरह से रोकता है। इसे नियमित रूप से करने पर वजन घटता है और त्वचा में चमक और निखार बढ़ाता है । यह बालों के लिए भी बहुत अच्छा है। कब्ज की शिकायत को दूर करने के लिए बहुत लाभप्रद योगाभ्यास है। हर उम्र के स्त्री-पुरुष के लिए लाभकारी हैं। इससे फेफड़ों और नर्वस सिस्टम ठीक रहते हैं।
सांस संबंधी दिक्कत, ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल में कारगर है। सभी कर सकते हैं। अनुलोम-विलोम करने से पूरे शरीर में रक्त और ऑक्सीजन का संचार होता है। शरीर तेजस्वी एवं फुर्तीला बनता है और भूख भी लगती है। प्राणायाम करने से मन को शांति मिलती है।
मानसिक दबाव, एंजायटी और डिप्रेशन को दूर किया जा सकता है। सभी के लिए लाभकारी है।
गर्मी के दिनों में शीतली प्राणायाम करने से एसिडिटी समेत पेट संबंधी दिक्कतें नहीं रहतीं। यह आसन बुजुर्गो को विशेष तौर पर अपनाना चाहिए।
बच्चों के विकास, खासतौर पर लंबाई बढ़ाने और आंखों की रोशनी ठीक रखने को सूर्य नमस्कार बेहद जरूरी है।
एकाग्रता के साथ साथ हृदय के लिए यह आसन हर किसी के लिए फायदेमंद हैं।
इस आसन से दिमाग में स्फूर्ति के साथ-साथ शारीरिक चुस्ती भी बनी रहती है। हलासन का मतलब है किसान के हल की तरह शरीर को आकार देना। इस आसन से कमर और पेट की चर्बी कम होती है और पाचन क्रिया सामान्य करता है। सिरदर्द,नींद न आने की शिकायतों को इस आसन से दूर किया जा सकता है।
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