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Plastic Surgery: 3000 साल पहले हुई थी प्लास्टिक सर्जरी की शुरुआत, जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

Plastic Surgery: प्लास्टिक सर्जरी (Plastic Surgery ) सर्जरी का एक परिष्कृत रूप या सुपर स्पेशलाइजेशन है जिसमें मरीज के शरीर के त्वचा व मांस को जरुरत के हिसाब से घटा बढाकर बेहतर स्वरुप देने की एक प्रक्रिया की जाती है ....

Updated on: 24 Nov 2022, 07:22 PM

highlights

  • अक्सर मूवीज में देखी जाती है प्लास्टिक सर्जरी, लेकिन इतिहास बहुत पुराना 
  • चेहरे के कटे-फटे होने पर पड़ती है प्लास्टिक सर्जरी की जरूरत 

नई दिल्ली :

Plastic Surgery: प्लास्टिक सर्जरी  (Plastic Surgery ) सर्जरी का एक परिष्कृत रूप  या सुपर स्पेशलाइजेशन है जिसमें मरीज के शरीर के त्वचा व मांस को जरुरत के हिसाब से घटा बढाकर बेहतर स्वरुप देने की एक प्रक्रिया  की जाती है .... आम तौर पर प्लास्टिक सर्जरी को फिल्मों को देखा जाता है  लेकिन प्लास्टिक सर्जरी  (Plastic Surgery ) के  इतिहास पर जाए तो आदि पुरुष  सुश्रुत ने प्राचीन भारत में  लगभग 3000 साल पहले प्लास्टिक सर्जरी की शुरुआत की थी ...जिसको बाद में भारत से बाहर  विदेशों में भी  इसका आधुनिकीकरण किया गया ...भारत में जन्म ली इस चिकित्सा पद्धति को बाद में विदेशों ने भी अपना लिया और आज मेडिकल साइंस इसका उपयोग करके अपने चमत्कार दिखा रहा है.

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दिल्ली के  सफदरजंग अस्पताल   (Safdarjung Hospital)के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ हरीश कुमार  शर्मा  (Dr Harish Kumar Sharma ) का कहना है कि आम तौर पर प्लास्टिक सर्जरी की जरुरत उन मरीजों को पड़ती है जिनके चेहरे व शरीर के दूसरे  अंगों में जन्मजात विकृति हो जिसका उदाहरण अक्सर छोटे बच्चों में जन्म के साथ ही कटा होंठ ,कटा तालू , साथ ही कान का न होना या कान का कटा होना , उगंलियां जुड़ी होना आदि शामिल हैं ....ऐसे मरीजों को शारीरिक विकृति को दूर कर सामान्य जीवन जीने के लिए प्लास्टिक सर्जरी एक वरदान का काम करती है .

डॉ हरीश कुमार शर्मा   (Dr Harish Kumar Sharma ) बताते हैं कई बार चोट लग जाने या जल जाने से शरीर के हिस्सो में या अंगों में जो कमियां आ जाती हैं या कोई अंग कटकर  अलग हो जाता है उसको प्लास्टिक सर्जरी के द्वारा -- समय रहते --जोड़ा भी जा सकता है और दोबारा बनाया भी जा सकता है ......अक्सर ही सुना जाता है कि तमाम सेलिब्रिटी और फिल्म अभिनेता अपने चेहरे को बेहतर रुप देने के लिए प्लास्टिक सर्जरी का सहारा लेते हैं ....कई बार कैंसर की बीमारी से जूझने वाले मरीजों के इस बीमारी के चलते निकाले गए शरीर के अंगों को प्लास्टिक सर्जरी के द्वारा दोबारा बनाना काफी हद तक संभव हो सका है .

  अगर बात आग से गंभीर जलकर बचने वाले मरीज की हो तो डॉ हरीश कुमार शर्मा  (Dr Harish Kumar Sharma ) का मानना है कि ऐसे मरीजों के अंगों का टेढापन या सिकुड़न का सुधार प्लास्टिक सर्जरी के द्वारा किया जा सकता है .....प्लास्टिक सर्जरी के बारे में अक्सर लोग गलतफहमी रखते है कि प्लास्टिक सर्जरी के द्वारा मरीज को दोबारा पूरी तरह पहले  जैसे स्थिति में वापस लाया जा सकता तो इस पर डॉ हरीश कुमार शर्मा   (Dr Harish Kumar Sharma ) कहते हैं कि किसी भी गंभीर चोट, या  जलने से किसी अन्य तरह से विकृत हुए शरीर के उस हिस्से को काफी हद तक तो ठीक किया जा सकता है लेकिन दोबारा पहले जैसी स्थिति में लाना  व्यावहारिक रुप से संभव  नहीं होता है ......

 बात अगर देश में अक्सर ही महिलाओं पर होने वाले एसिड अटैक की  हो तो इसमें भी प्लास्टिक सर्जरी काफी कारगर साबित हो सकती है....ऐसे मरीज का तत्काल  एमरजेंसी में प्राथमिक  उपचार होना बेहद जरुरी है जिसमें जले हुए हिस्से को बहते पानी में इस तरीके से होना चाहिए कि वो एसिड दूसरी जगह न फैलकर शरीर से दूर हो जाए .....वहीं आग से जलने वाले मरीजों के मामले में जले हुए अंग का पानी से बीस से तीस मिनट का उपचार काफी फायदेमंद देखा गया है ..... 

डॉ हरीश  कुमार  शर्मा  (Dr Harish Kumar Sharma ) बताते हैं कि अभी भी लोग प्लास्टिक सर्जरी के प्रति काफी हद तक जागरुक नहीं हैं और इस सर्जरी को सामान्य सर्जरी से अलग मानते हुए इसके इलाज से कतराते हैं जबकि अगर समय रहते इसका लाभ लिया जाये तो मरीज के दैनिक जीवन को काफी सुगम किया जा सकता है ....

डॉ हरीश कुमार शर्मा  (Dr Harish Kumar Sharma ) उदाहरण देते हुए बताते हैं कि तकरीबन 05 साल पहले एक मरीज इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल आए थे जिनके चेहरे का आधा भाग बिजली के करंट से जल चुका था ,मरीज शारीरिक और मानसिक रुप से टूट चुका था लेकिन कई स्टेज की सर्जरी से गुजरने के बाद मरीज का चेहरा लगभग 80 प्रतिशत पहली जैसी अवस्था में आ गया और वह अपने व्यवसाय में दोबारा पूरी तरह सक्रिय होकर सामान्य जीवन जी रहा है ....प्लास्टिक सर्जरी में मरीज के शरीर के किसी भी हिस्से को बनाने के लिए उसी मरीज के दूसरे हिस्सों से मांस या त्वचा को लिया जाता है और ये कोशिश की जाती है कि उस   जगह पर कम से कम नुकसान हो..... प्लास्टिक सर्जरी करवाने के लिए कोई उम्र की समय बाधा नहीं है....इसमें छोटे बच्चे से लेकर बड़ी उम्र तक के व्यक्ति की प्लास्टिक सर्जरी की जा सकती है .... यहीं नहीं कैंसर और डायबटीज के मरीजों के शरीर के एक बड़े हिस्से में बीमारी के चलते केई बार कुछ घाव हो जाते हैं या कुछ  हिस्सों को काटना पड़ जाए तो ऐसे में प्लास्टिक सर्जरी काफी मददगार साबित होती है
 
डॉ हरीश कुमार  शर्मा (Dr Harish Kumar Sharma ) का कहना है कि सामान्यतया प्लास्टिक सर्जरी उन लोगों के लिए वरदान है जो किसी हादसे के चलते या  जन्मजात जिनके अंगों की बनावट में कमियां है लेकिन प्लास्टिक सर्जरी को एक सदुपयोग  के रुप में इस्तेमाल करना चाहिए  और आवश्यकता से अधिक उम्मीद लगाकर बार बार प्लास्टिक सर्जरी की प्रक्रिया में जाना कभी  कभी नुकसानदेह भी साबित हो सकता है...अगर प्लास्टिक सर्जरी करवाने के लिए उत्सुक हैं तो उससे पहले किसी अनुभवी प्लास्टिक सर्जन से परामर्श करके ही निर्णय लेना चाहिए और एक सही प्लास्टिक सर्जन ही आपको सही परामर्श दे  सकता है कि आपको शरीर के किस अंग की प्लास्टिक सर्जरी करवाना उपयुक्त होगा या नहीं .