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इस कोरोना काल में 80% से ज्यादा लोगों को अपनों के स्वास्थ्य कि है चिंता : Study

कोविड-19 (CoronaVirus Covid-19) संकट के दौरान लोग अपने से अधिक अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं. गोवा इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. उसने कहा कि लोग अब शरीर में आ रहे मामूली परिवर्तनों को लेकर भी अधिक सजग हैं, यहां तक की हल्के बुखर, खांसी और छींकने को लेकर भी.

Updated on: 11 May 2020, 01:49 PM

पणजी:

कोविड-19 (CoronaVirus Covid-19) संकट के दौरान लोग अपने से अधिक अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं. गोवा इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. उसने कहा कि लोग अब शरीर में आ रहे मामूली परिवर्तनों को लेकर भी अधिक सजग हैं, यहां तक की हल्के बुखर, खांसी और छींकने को लेकर भी. कोविड-19 के प्रकोप को लेकर लोगों की चिंता, उनके इससे निपटने के तरीके और मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया के संबंध में गोवा इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की डॉक्टर दिव्या सिंघल और प्रोफेसर पद्मनाभन विजयराघवन ने एक अध्ययन किया. इसमें देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले 231 लोगों को शामिल किया गया.

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सिंघल ने कहा, 'करीब 82.25 प्रतिशत लोग अपने से अधिक अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं.' उन्होंने कहा, 'अधिकतर लोग अब शरीर में आने वाले परिवर्तनों को लेकर अधिक सजग हो गए हैं,जैसे मामूली जुकाम, खांसी, छींकना और वे जो कि कोविड-19 के लक्षण हैं.'

अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा 50 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताने के साथ ही ऑनलाइन मंचों पर फिल्में भी अधिक देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोग इस बात पर भी सहमत हुए कि दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ सम्पर्क में रहने के कारण उनका टेक्नॉलॉजी (प्रौद्योगिकी) का इस्तेमाल भी बढ़ गया है.

अध्ययन में यह भी सामने आया कि कई लोगों को घातक बीमारी के संदेश (फॉरवर्ड मैसेज) पढ़ना भी काफी ‘‘निराशाजनक’’ लगता है. अध्ययन में यह भी पाया गया कि इनमें से 41 प्रतिशत लोग लॉकडाउन के दौरान योग या व्यायाम जैसी कोई शारीरिक गतिविधि नहीं कर रहे हैं. इस अध्ययन में हिस्सा लेने वाले 231 लोगों में से 145 पुरुष और 86 महिलाएं थी, जिनमें से सभी की उम्र 18 और उससे अधिक थी. 47.62 प्रतिशत लोग निजी या सरकारी क्षेत्र में नौकरी करते हैं और बाकी छात्र, सेवानिवृत्त कर्मचारी और गृहिणियां हैं.