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कमजोर मांसपेशियों का ना करें नजरअंदाज, समय से पहले मौत को देती है बुलावा

साधारण व किफायती परीक्षण होने के बावजूद हाथ की पकड़ की मजबूती की जांच वर्तमान में ज्यादातर नियमित शारीरिक जांच का हिस्सा नहीं है।

Updated on: 28 Aug 2018, 11:21 AM

नई दिल्ली:

 कमजोर मांसपेशियों वाले व्यक्ति आमतौर पर अपने मजबूत समकक्षों के मुकाबले ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रहते और उनके 50 फीसदी पहले मरने का अंदेशा रहता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, मांसपेशी की मजबूती, उसके द्रव्यमान (मास) की तुलना में समग्र स्वास्थ्य की भविष्याणी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इसके अलावा हाथ की पकड़ की मजबूती का संबंध गतिशीलता की सीमा के विपरीत है।

हालांकि, साधारण व किफायती परीक्षण होने के बावजूद हाथ की पकड़ की मजबूती की जांच वर्तमान में ज्यादातर नियमित शारीरिक जांच का हिस्सा नहीं है।

सैन फ्रांसिस्को के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ता काते डुचोवन ने कहा, "मांसपेशी की मजबूती को जीवन र्पयत बनाए रखना और खासकर जीवन के बाद वाले समय में लंबे जीवन व उम्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।"

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इस शोध को जर्नल जेरोटोलॉजी : मेडिकल साइंसेज में प्रकाशित किया गया है। इसके लिए शोध दल ने 8,326 पुरुषों व महिलाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया, जिनकी आयु 65 साल व इससे ज्यादा रही।