दुनिया भर में हर साल 5 लाख करोड़ सिगरेट पी जाते हैं लोग, मरने वालों की संख्या पूछिए नहीं
WHO के मुताबिक हर साल कई करोड़ लोग सिगरेट पीने के कारण अपनी जान गंवा देते हैं. आज हम आपको इस खबर में बताएंगे कि सिगरेट कैसे लोगों की जान ले रही है.
नई दिल्ली:
क्या आप भी स्मोकिंग करते हैं? अगर हां तो आपको ये खबर पढ़ने की जरूरत है. WHO के अनुसार आज दुनिया भर में 5 ट्रिलियन सिगरेट की खपत होती है. सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि यह संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है. जिस तरह से स्मोकिंग करने से लोगों गंभीर बीमारी के चपेट में जा रहे हैं, उस हम महामारी कहे तो गलत नहीं होगा. दुनिया भर में अब तक के सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक है, जिससे दुनिया भर में हर साल 8 मिलियन से अधिक लोग मारे जाते हैं.
इनमें से 7 मिलियन से अधिक मौतें सीधे तम्बाकू के उपयोग का परिणाम हैं, जबकि लगभग 13 मिलियन मौतें धूम्रपान न करने वालों के सेकेंड-हैंड धुएं के संपर्क में आने के कारण होती हैं. यानी आप यूं समझ लीजिए कि अगर आप सिगरेट नहीं पीते हैं और सिर्फ किसी के साथ खड़े हैं तो आप ध्रूमपान का शिकार हो रहे है. अब सवाल है कि ध्रूमपान करने से कितने प्रकार के रोग होते हैं, जिसके कारण लोगों की जान चली जाती है.
1. लंग कैंसर (Lung Cancer)
किसी भी अन्य प्रकार के कैंसर की तुलना में फेफड़ों के कैंसर से अधिक लोग मरते हैं. लंग कैंसर के लिए सिगरेट सबसे बड़ा कारण है. यह फेफड़ों के कैंसर के लगभग 90% मामलों के लिए जिम्मेदार है.
2. सीओपीडी (Chronic Obstructive Pulmonary Disease)
सीओपीडी फेफड़ों की एक प्रतिरोधी बीमारी है जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है. इस केस में देखा जाता है कि लोग विकलांग या मौत के करीब जल्दी पहुंच जाते हैं.
3. हार्ट प्रोब्लम (Heart Problem)
स्मोकिंग आपके दिल सहित आपके शरीर के लगभग हर अंग को नुकसान पहुंचाता है. धूम्रपान आपकी आर्टरीज में रुकावट और कॉनट्रैक्सन पैदा कर सकता है, जिसका मतलब है कि आपके हार्ट में ब्लड और ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाएगा. जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.
5. स्ट्रोक (Stroke)
क्योंकि धूम्रपान आपकी धमनियों को प्रभावित करता है, यह स्ट्रोक को ट्रिगर कर सकता है. स्ट्रोक तब होता है जब आपके मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति अस्थायी रूप से रूक जाती है. ब्रेन की कोशिकाएं ऑक्सीजन से वंचित हो जाती हैं और मरने लगती हैं. स्ट्रोक के कारण पैरालिसिस, स्लर्ड स्पीच, ब्रेन की वर्किंग स्टाइल में बदलाव और मृत्यु होने की चांस बढ़ जाती है.
6. अस्थमा (Asthma)
अस्थमा एक दीर्घकालिक फेफड़ों की बीमारी है जो आपके फेफड़ों से हवा को अंदर और बाहर ले जाना कठिन बना देती है, जिसे सांस लेना भी कहा जाता है.
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