बच्चों की बीमारी से बचाव के लिए डॉ. विवेक भाटी की माने ये सलाह
बीमारियों से हर कोई दूर रहना चाहता है और लोग अक्सर ये सोचते हैं कि बढ़ती उम्र बीमार होने की एक बड़ी वजह होती है, लेकिन चिंता तो तब होती है जब आपके प्यारे-प्यारे छोटे बच्चे भी अक्सर बीमार रहना शुरू कर देते हैं.
लखनऊ:
बीमारियों से हर कोई दूर रहना चाहता है और लोग अक्सर ये सोचते हैं कि बढ़ती उम्र बीमार होने की एक बड़ी वजह होती है, लेकिन चिंता तो तब होती है जब आपके प्यारे-प्यारे छोटे बच्चे भी अक्सर बीमार रहना शुरू कर देते हैं. बच्चों की शैतानी और नटखटपन के बीच कई बार छोटे बच्चे तो अपनी बीमारी और समस्या भी माता-पिता के समक्ष बता नहीं पाते हैं. बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक भाटी का कहना है कि छोटे गोदी के बच्चों से लेकर स्कूल जाने वाले बच्चों यूं तो बहुत उत्साही होते हैं, लेकिन पैरेंट्स की चिंता तब बढ़ जाती है जब बच्चे अक्सर ही बीमार रहने लगते हैं.
डॉ. विवेक बताते हैं कि बच्चों के अक्सर बीमार होने के पीछे का कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी का कमजोर होना भी है. रोग प्रतिरोधक क्षमता कई बीमारियों से बचाती हैं, ऐसी कई बीमारियां होती हैं, जिनसे शरीर की इम्युनिटी खुद ही लड़ लेती है, लेकिन इम्युनिटी के कमजोर होने पर बच्चे अक्सर ही बीमारी की चपेट में आ जाते हैं. डॉ. विवेक भाटी के मुताबिक, कुछ छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर बच्चों की इम्युनिटी को मजबूत किया जा सकता है
कैसे मजबूत करें इम्युनिटी
भोजन : अगर बच्चों का भोजन पौष्टिक और सुपाच्य नहीं हो तो भी उनकी इम्युनिटी कमजोर होने लगती है और वो जल्द ही बीमारियों का सॉफ्ट टारगेट बन जाते हैं. इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आपका बच्चा जंक फूड जैसे कि चाऊमीन, बर्गर ,पिज्जा, पास्ता, नूडल्स आदि अधिक खाने का शौकीन है तो बच्चे को समझाएं कि ये चीजें शौक में कभी कभी तो खाई जा सकती हैं, लेकिन रोजाना सेवन करने पर उसकी इम्युनिटी कमजोर होने का रिस्क होगा. बच्चों की डाइट में दूध, दालें, हरी सब्जियां, मौसमी फल, शुद्ध देसी घी, दलिया, नारियल पानी, ड्राय फूट्स शामिल करें. इसके साथ ही कभी भी हल्दी युक्त दूध भी बच्चों को पीने की आदत डालें, कोरोना काल के बाद अधिकांश विद्वानों ने हल्दी युक्त दूध को रिकमंड किया है.
नींद : अक्सर बच्चे टीवी शो और गैजेट्स के खेल में देर रात जागते हैं और फिर सुबह जल्दी स्कूल भी चले जाते हैं. ऐसे में उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती, इसलिए कोशिश करें कि बच्चा कम-से-कम आठ घंटे की नींद जरूर लें.
पानी : बच्चे को समुचित मात्रा में पानी पीने के लिए प्रेरित करें. पानी का समुचित इनेटक बच्चे के शरीर को स्वस्थ रखने में सहयोग करता है.
व्यायाम : अधिकांश स्कूलों में फिजिकल ट्रेनिंग को बहुत महत्व दिया जाता है, कोशिश करनी चाहिए कि बच्चा पढ़ाई के साथ-साथ फिजिकल एक्टीविटीज और आउटडोर स्पोर्टर्स एक्टीविटीज में भी सक्रिय रहे. इससे शरीर चुस्त दुरुस्त रहता है.
कमजोर इम्युनिटी के चलते जहां बच्चे एलर्जी, खांसी, जुकाम, बुखार की चपेट में अक्सर ही आ जाते हैं तो वहीं मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू जैसे गंभीर रोग भी होने का खतरा बना रहता है. अच्छी इम्युनिटी बच्चे का वो शारीरिक कवच है जो उसे तमाम किस्म की मौसमी और गंभीर बीमारियों से दूर रखती है. डॉ. विवेक भाटी के मुताबिक, अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा बीमारियों से दूर रहे और आपको कोरोना काल के इस दौर में अस्पताल के चक्कर न काटने पडे़ तो कुछ सावधानियां बरतना बेहद जरूरी हैं.
बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए क्या बरतें सावधानी
- 06 महीने तक के बच्चे को मां का दूध जरूर पिलाना चाहिए. मां के दूध में जो पोषक तत्व होते हैं वो बच्चे की हेल्थ को प्रोटेक्ट करता है.
- बच्चों को पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पानी पिलाएं, अक्सर पानी की कमी भी बच्चे की हेल्थ को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है. ध्यान रखें कि उबला हुआ पानी या आरओ का पानी यूज किया जाए.
- बच्चों को फास्ट फूड, जंक फूड और अत्यधिक ठंडे पेय पदार्थों से दूर रखना चाहिए. बच्चा अगर इस तरह के खाद्य और पेय पदार्थ लेने की इच्छा जाहिर करे तो कोशिश करे कभी कभार ही इनका सेवन किया जाए.
- बच्चों को शारीरिक गतिविधि और खेलों में भी एक्टिव रहने के लिए प्रेरित करें.
- बच्चा अगर बेहद छोटा है और अपनी समस्या बोलकर बताने में असमर्थ है तो बच्चे को असहज हालत में देखने पर डॉक्टर के पास ले जाकर चेकअप करवाने में देरी न करें.
- बच्चों को मच्छरों की पहुंच से दूर रखें, क्योंकि अक्सर मच्छरों के काटने से भी बच्चों को मलेरिया समेत कई अन्य बीमारियों का शिकार होते देखा गया है. इसके लिए कोशिश करें कि बच्चे को मच्छरदानी के सुरक्षा कवच में रखा जाए और इसके साथ ही मच्छरों से प्रोटेक्ट करने वाली क्रीम या तेल बच्चों के खुले अंगों पर मलें.
- समय पर बच्चों का टीकाकरण करवाएं. बच्चों को बीमारियों से बचाव के लिए समय-समय पर टीके शेड्यूल होते हैं, नियत तारीख पर बच्चों को जो टीका लगना है उसका ध्यान अवश्य रखें.
- बच्चों में साफ-सफाई का बेहद ध्यान रखें, बच्चों में कुछ भी खाने से पहले हाथ धोने की आदत डालें, ध्यान दें कि लिक्विड हैंडवाश या साबुन से हाथ साफ किए जाएं.
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