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डेंगू , चिकनगुनिया में वरदान से कम नहीं पपीते के पत्ते, जानें इसके फायदे

बारिश की फुहार के साथ मानसून अपने साथ कई बीमारियां भी साथ लाता है। डेंगू के नियंत्रण में लिक्विड जैसे जूस, नारियल पानी, पानी का ज्यादा महत्व है।

Updated on: 31 Aug 2017, 07:44 PM

नई दिल्ली:

बारिश की फुहार के साथ मानसून अपने साथ कई बीमारियां भी साथ लाता है। इस मौसम में चिलचिलाती गर्मी से रहत तो मिलती है लेकिन साथ ही मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, पीलिया जैसी कई बीमारियां भी दस्तक देने लगती हैं।

इसके अलावा, जुकाम, खांसी के भी होने का खतरा बढ़ जाता है चिकनगुनिया में जोड़ों में भयानक दर्द पैदा होता है जो कई सालों तक दूर नहीं हो पाता है।

डेंगू के नियंत्रण में लिक्विड जैसे जूस, नारियल पानी, पानी का ज्यादा महत्व है। यदि अधिक से अधिक लिक्विड दिया जाए, तो मृत्यु का खतरा कम हो जाता है।

मृत्यु का खतरा बुखार उतरने के साथ ही आता है। बुखार ठीक करने वाली दवाओं के दुरुपयोग से डेंगू के मरीजों में खून बहना शुरू हो सकता है।

डेंगू और इन मौसमी बीमारियों में प्लेटलेट्स कम होने का खतरा ज्यादा होता है और अगर सावधानी न बरती जाये तो ये जानलेवा हो सकता है। 

अगर प्लेटलेट्स घटकर 20,000 से कम रह जाए तो मरीज के ब्लीडिंग और ब्रेन हैमरेज का खतरा हो जाता है, जिसके कारण मौत हो सकती है।

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पपीते के पत्तों के फायदे:

  • डेंगू के मरीजों की जान बचाने के लिए तेजी से प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है। डेंगू और चिकुनगुनिया में दवाइयों के साथ पपीते के पत्ते किसी वरदान से कम नहीं है।
  • पपीते के पत्तों में कैंसर से लड़ने वाले गुण होते हैं जो कि इम्‍यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। 
  • डेंगू में पपीते की पत्तियों का जूस किसी रामबाण से कम नहीं है। तेजी से गिरते प्लेटलेट्स को फिर से बढ़ाने और खून के थक्के को जमा होने से रोकने में यह मदद करता है। 
  • पपीते की ताजी और छोटी पत्तियां शरीर से डेंगू के विषैले जहर को निकालने मे मदद करती हैं। पपीते की ताजी पत्तियों को पीस कर उसके रस को रोगी को पिलाने से प्लेटलेट्स फिर बढ़ना शुरू हो जाते है। 
  • डेंगू से ग्रस्त मरीजों को पपीते की पत्तों का जूस देने से प्लेटलेट की संख्या बढ़ जाती है। पपीते के पत्तों में विटामिन ए , बी , सी , कैल्शियम प्रोटीन , आयरन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते है।

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डेंगू बीमारी एडीज मच्छरों के कारण होती है। यह मच्छर इस रोग को हमारे खून में प्रसारित करते हैं जिससे कि तेज बुखार, त्वचा पर लाल चकत्ते और प्लेटलेट गिनती में कमी सामने आती है।

पपीते के पत्तों में एंटी- मलेरियल गुण मौजूद होते हैं, जो कि डेंगू बुखार का इलाज करने के लिए बेहद फायदेमंद है।

पपीते के पत्तों में पाया जाने वाला एसिटोजिनिन, मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों को रोकने में मदद करता है।

पपीते के पत्तों का जूस को बनाये ऐसे: 

  • पपीते का पत्तो का जूस बनाने के लिए ताज़ी पत्तियां लें। पत्तियों को अच्छे से धो ले और उन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
  • एक सॉस पैन में दो लीटर पानी डालें और पत्तियों को उसमे डालकर उबाले।
  • जब तक पानी आधा न रह जाये तब तक उबालें और ऊपर से ढक दें।
  • इसके बाद पत्तों को अच्छे से पीस ले और उसे पानी से धो ले और इसे कांच के बर्तन में भर लें।
  • इस रस को बनाने का दूसरा यह है कि आप इन ताज़ी पत्तियों को अच्छे से मसल कर कपड़े में रख कर निचोड़ ले।

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