logo-image

हार्ट अटैक की वजह न बन जाए दांतों का संक्रमण

दांत की जड़ों के ऊपरी भाग में होने वाले संक्रमण से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

Updated on: 11 Mar 2021, 12:57 PM

highlights

  • दांतों की समस्या से हार्ट अटैक का खतरा है बढ़ता
  • साल में एक बार जरूर करवाएं दांतों की जांच
  • रूट कैनाल का इलाज दिल की बीमारियों को कम करता है

नई दिल्ली:

कहते हैं दांतों (Oral Health Day-Teeth Heart Attack) की स्थिति देख पूरे शरीर के स्वास्थ्य का आकलन किया जा सकता है. खासकर आजकल की दौड़भाग भरी जिंदगी में खानपान में भी काफी बदलाव होते जा रहे हैं, जिनकी वजह से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है. हाल में हुए अध्ययन के अनुसार अगर आप दिल की तमाम तरह की बीमारियों से बचना चाहते हैं तो अपने दांतों का ख्याल अच्छी तरह रखें. दांत स्वस्थ हैं तो शरीर स्वस्थ है. यह एक मिसाल है, जिस पर अमल करना लाजिमी हो जाता है. ध्यान रखें कि प्राकृतिक दांत दोबारा नहीं उगेगा. यह अलग बात है कि दांत में खराबी आने पर उसको ठीक किया जा सकता है, इसलिए दांतों की देखभाल करनी बेहद जरूरी है. अमूमन डॉक्टर इसीलिए कहते हैं कि साल में एक बार दांतों की जांच जरूर करवाएं. यह बेहद जरूरी है, ताकि समय रहते दांतों में आई समस्या का पता चल सके और उसका इलाज हो सके. यह जानने के बाद तो दांतों की जांच और भी जरूरी हो जाती है कि इससे हार्ट अटैक तक का खतरा बढ़ जाता है.

दांतों की जड़ों में संक्रमण
दांत की जड़ों के ऊपरी भाग में होने वाले संक्रमण से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. यह संक्रमण बेहत ही सामान्य और लक्षणरहित होता है जिस पर शायद ही लोगों का ध्यान जाता है. ऐसे में इसका इलाज नहीं करने पर ये घातक रोग बन जाता है. फिनलैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ हेलसिंकी के अध्ययनकर्ता जॉन लिजेस्ट्रैंड के अनुसार, 'दांतों के जड़ों के उपचार की जरूरत वाले रोगियों को अगर चिकित्सा नहीं मिलती है तो उनमें बगैर इस विकार वाले रोगियों की तुलना में एक्यूट कोरेनरी सिंड्रोम का खतरा 2.7 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.'

यह भी पढ़ेंः चीन-पाकिस्तान की खैर नहीं, भारत लेगा 3 अरब डॉलर के 30 सशस्त्र ड्रोन

दांतों में सड़न होना प्रमुख कारण  
दांतों के जड़ों में संक्रमण एपिकल पीरियडोंटाइटिस की बीमारी है. इस बीमारी में दांत की जड़ के ऊपरी भाग के चारों ओर एक तेज संक्रमण और दर्द होता है. इस बीमारी का प्रमुख कारण दांतों में सड़न का होना है. इस अध्ययन के लिए अध्ययनकर्ताओं ने फिनलैंड के 62 वर्ष से अधिक उम्र के 508 रोगियों पर अध्ययन किया. ये सारे लोग अध्ययन के दौरान दिल की बीमारी से पीड़ित थे.

यह भी पढ़ेंः ममता बनर्जी पर हमला... पढ़ें तमाम चश्मदीदों की जुबानी

रूट कैनाल कराने से होता है लाभ
इस अध्ययन के अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि संक्रमित दांतों के रूट कैनाल का इलाज दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करने में काफी असरकारक हो सकता है. यह अध्ययन इस बात की पुष्टि करती है कि मुंह में किसी भी तरह का संक्रमण शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित करता है. इस अध्ययन को जर्नल ऑफ डेंटल रिसर्च में प्रकाशित किया गया है.