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कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक नहीं है ओमीक्रॉन, US के टॉप साइंटिस्ट का दावा

अमेरिका के सबसे बड़े वैज्ञानिक डॉ एंथोनी फॉउसी ने मंगलवार को इस तथ्य पर फिर से जोर दिया कि कोरोनावायरस के बी.1.1.1.529 वेरिएंट ने बहुत बड़ी संख्या में म्यूटेशन दिखाए हैं. फिर भी यह ज्यादा जानलेवा नहीं है.

Updated on: 08 Dec 2021, 08:03 AM

highlights

  • कोरोना के बी.1.1.1.529 वेरिएंट ने बड़ी संख्या में म्यूटेशन दिखाए फिर भी ज्यादा जानलेवा नहीं
  • हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट ही अब तक सबसे ज्यादा खतरनाक
  • यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड का दावा - डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा नहीं फैलेगा ओमीक्रॉन

New Delhi:

कोविड-19 का नया वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron variant)  'निश्चित' रूप से डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक नहीं है. अमेरिका के सबसे बड़े वैज्ञानिक डॉ एंथोनी फॉउसी ( Anthony fauci )  ने मंगलवार को इस तथ्य पर फिर से जोर दिया. उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के बी.1.1.1.529 वेरिएंट ने बहुत बड़ी संख्या में म्यूटेशन दिखाए हैं. फिर भी यह ज्यादा जानलेवा नहीं है. उन्होंने साफ कहा कि अध्ययन के दौरान कुछ संकेत मिले हैं जिससे साबित होता है कि यह कम गंभीर हो सकता है.

डॉ. फॉउसी ने इसके लिए साउथ अफ्रीका का उदाहरण दिया जहां सबसे पहले ओमीक्रॉन वेरिएंट की पहचान की गई थी. उन्होंने कहा कि जब आप साउथ अफ्रीका की स्थिति देखते हैं तो पाते हैं कि संक्रमण की संख्या और अस्पताल में भर्ती होने वाले मामलों की संख्या के बीच का अनुपात डेल्टा की तुलना में कम है. डॉ एंथोनी फॉउसी ने न्यूज एजेंसी एएफपी से बात करते हुए ओमीक्रॉन से जुड़े इन तथ्यों पर को लेकर अपनी राय सार्वजनिक की.

दुनिया भर में हंगामे के बीच इससे पहले भी अमेरिका के वायरोलॉजिस्ट और हेल्थ एक्सपर्ट का कहना था कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट ही अब तक सबसे ज्यादा खतरनाक है. यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ( CDC) के निदेशक रोशेल वेलेंस्की ने भी तीन दिसंबर को व्हाइट हाउस में आयोजित एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ये साफ किया था.

सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी किया था ये दावा

दूसरी ओर सिंगापुर के विशेषज्ञों ने साफ और आधिकारिक तौर पर कहा है कि ओमीक्रॉन के डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक होने के सबूत सामने नहीं आए हैं. कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन से संबंधित लक्षणों के दूसरे वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक होने या मौजूदा वैक्सीनेशन या इलाज के इस पर बेअसर होने के संबंध में फिलहाल कोई सबूत नहीं हैं. सिंगापुर स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है.

‘चैनल न्यूज एशिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ओमीक्रॉन से संक्रमित दो लोगों ने सिंगापुर से मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की. मंत्रालय ने कहा कि ओमीक्रॉन के बारे में और अधिक जानकारियां और अध्ययन की जरूरत है. उनके मुताबिक वैश्विक स्तर पर आने वाले सप्ताह में  ओमीक्रॉन के और अधिक मामले सामने आने की आशंका है.

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यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड ने भी दी अच्छी खबर

इससे पहले यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड में संक्रामक रोगों के प्रमुख फहीम यूनुस ने कहा था कि ओमीक्रॉन डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा घातक साबित नहीं होगा. उन्होंने covariants.org के हवाले से यह दावा किया था. अपने ट्वीट में उन्होंने एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें 21I (डेल्टा), 21J (डेल्टा) और 21K (ओमीक्रोन) के ग्राफ को देखा जा सकता है. यूनुस ने ट्वीट में लिखा कि डेल्टा बनाम ओमीक्रॉन वेरिएंट की मौजूदा वैश्विक आवृति को लेकर कई कारकों के आधार पर मेरा मानना है कि यह डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा नहीं फैलेगा. और यह एक अच्छी खबर होगी.

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भारत में कोरोना के खिलाफ हाईब्रिड इम्यूनिटी

अपने देश भारत में काफी दिनों से दूसरे देशों के मुकाबले कोरोनावायरस संक्रमण के कम मामले सामने आ रहे हैं. वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के निदेशक और मेडिकल एक्सपर्ट अनुराग अग्रवाल ने बीते दिनों बताया था कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि भारतीय लोगो में हाइब्रिड इम्यूनिटी डेवलप हुई है.