Omicron Variant का नया रूप आया सामने, जानें वैज्ञानिकों ने क्या कहा 

ओमीक्रॉन वैरिएंट में करीब 50 से भी अधिक म्यूटेशन हैं. दक्षिण अफ्रीका में 8 नवंबर को इसका सबसे पहला केस मिला था. इसके बाद ओमीक्रॉन भारत समेत 34 देशों में फैल चुका है.

ओमीक्रॉन वैरिएंट में करीब 50 से भी अधिक म्यूटेशन हैं. दक्षिण अफ्रीका में 8 नवंबर को इसका सबसे पहला केस मिला था. इसके बाद ओमीक्रॉन भारत समेत 34 देशों में फैल चुका है.

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Deepak Pandey
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Omicron Variant( Photo Credit : File Photo)

Omicron variant : दक्षिण अफ्रीका में कोविड के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन का सबसे पहला मामला मिला था. डब्ल्यूएचओ (WHO) ने वैरिएंट ऑफ कंसर्न की लिस्ट में ओमीक्रॉन  (B.1.1.529) को डाला है. इस नए वैरिएंट को लेकर यह बात सामने आई है कि B.1.1.529 वैरिएंट दो वंशों BA.1 और BA.2. में बंट गया है. इसे लेकर वॉयरोलॉजिस्ट ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में ओमीक्रॉन के नए लीनिएज BA.2 के कई केस मिले हैं. 

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ओमीक्रॉन वैरिएंट में करीब 50 से भी अधिक म्यूटेशन हैं. दक्षिण अफ्रीका में 8 नवंबर को इसका सबसे पहला केस मिला था. इसके बाद ओमीक्रॉन भारत समेत 34 देशों में फैल चुका है. एक्सपर्ट ने कहा कि वैज्ञानिकों के लिए ओमीक्रॉन के वंश में विभाजन ज्यादा दिलचस्प का विषय है, क्योंकि ये महामारी विज्ञान को समझने में मदद करेगा. हालांकि, इससे लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.

आपको बता दें कि इससे पहले डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) भी पहले दो और इसके बाद तीन वंशों में बंट गया था, जिसमें डेल्टा प्लस भी शामिल था. इसके बाद ये करीब 100 की संख्या में कई वंशों में विभाजित हो गया था, लेकिन अच्छी बात ये रही कि इससे आम जनता को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था. 

ओमीक्रॉन के विभाजित हो जाने पर दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) के वरिष्ठ वैज्ञानिक विनोद स्कारिया ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'अब B.1.1.529 (ओमीक्रॉन) वंश BA.1 और BA.2 में बंट गया है. इसमें BA.1 में मूल वंश, जबकि BA.2 में बाहरी के साथ करीब 24 म्यूटेशन शामिल होंगे.'

ओमीक्रॉन वैरिएंट के इन 2 वंशों को उनके म्यूटेशन के आधार पर विभाजित किया गया है. इनके कुछ म्यूटेशन दोनों वैरिएंट्स में पाए गए हैं, लेकिन कुछ दोनों वंशों में अलग-अलग हैं. दिलचस्प बात यह है कि वंश (BA.1) में एस-जीन  नहीं पाया जाता है, जिससे मौजूदा RT-PCR से ओमीक्रॉन को पहचाना जा सकता है. वहीं, दूसरे वंश में BA.2 में एस जीन की गैरमौजूदगी का पता नहीं चलता है यानी ओमीक्रॉन के इस नए स्वरूप का पता लगाना और मुश्किल हो सकता है.

Source : News Nation Bureau

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