Omicron की 16 राज्यों में दस्तक, 346 पहुंची नए संक्रमितों की संख्या
पाजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से अधिक होने या ऑक्सीजन बेड्स 40 प्रतिशत से अधिक भरने पर स्थानीय प्रतिबंधात्मक उपाय अपनाने की दी गई सलाह.
highlights
- महाराष्ट्र में ओमीक्रॉन संक्रमितों की संख्या सबसे ज्यादा
- राज्यों को जरूरत पर नाइट कर्फ्यू लगाने के भी निर्देश
- आरटीपीसीआर व आरएटी टेस्ट का 60:40 हो अनुपात
नई दिल्ली:
कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron) देश में तेजी से पांव पसार रहा है. देर रात तक ओमीक्रॉन संक्रमितों का आंकड़ा 340 पार कर गया है. इसकी चपेट में अब 16 राज्य आ चुके हैं. 5 राज्यों में ओमीक्रॉन के 87 नए मामले मिले. तमिलनाडु में 33, महाराष्ट्र में 23, तेलंगाना में 14, कर्नाटक में 12, गुजरात में 7 और केरल में 5 मामले सामने आए हैं. अब तक देश में इस वेरिएंट के 340 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. ओमीक्रॉन के बढ़ते संक्रमण को देख अब सरकार भी सतर्क हो गई है. यही वजह है पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोरोना खासकर ओमीक्रॉन संक्रमण को लेकर गुरुवार को एक समीक्षा बैठक की.
आसन्न चुनाव वाले राज्यों में टीकाकरण तेज करने के निर्देश
इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों में टीकाकरण बढ़ाने की सलाह दी है. विशेषकर जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक क्रिसमस और नए साल के मद्देनजर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सतर्क रहने और पाजिटिविटी दर, मामले दोगुने होने की दर, नए मामलों के क्लस्टर पर नजर रखने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करने की सलाह दी गई है. कोरोना व उसके ओमीक्रॉन वेरिएंट से लड़ने में राज्यों की तैयारी और टीकाकरण की प्रगति की वर्चुअल माध्यम से समीक्षा करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को ढील नहीं डालने और अपनी तैयारी बनाए रखने की सलाह दी है.
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क्रिसमस व नए साल पर पाजिटिविटी दर का रखें ध्यान
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर पाजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से अधिक होती है या ऑक्सीजन बेड्स 40 प्रतिशत से अधिक भर जाते हैं तो स्थानीय प्रतिबंधात्मक उपाय अपनाए जाएं. हालांकि जनसंख्या घनत्व और संक्रमण की तीव्रता अधिक होने पर उक्त सीमा तक पहुंचने से पहले भी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, लेकिन कोई भी प्रतिबंध कम से कम 14 दिनों के लिए लगाने चाहिए. विशेषज्ञों के मुताबिक ओमीक्रॉन संक्रमण के लक्षण काफी हद तक सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे हैं इसलिए इसकी रोकथाम के लिए सिंड्रोमिक एप्रोच का सहारा लिया जा सकता है.
नाइट कर्फ्यू समेत अपनाने होंगे ये उपाय
ओमीक्रॉन समेत कोरोना संक्रमण के विस्तार को देखते हुए राज्यों को नाइट कर्फ्यू लगाने, बड़ा जमावड़ा रोकने के लिए कड़े नियम लागू करने और मामले बढ़ने पर तत्काल कंटेनमेंट जोन या बफर जोन अधिसूचित करने की सलाह दी गई है. टीकाकरण के बारे में राज्यों को तेजी से सौ प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है, जिसमें उन जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाए, जहां पहली और दूसरी डोज की कवरेज राष्ट्रीय औसत से कम है. साथ ही उनसे क्लस्टर्स से सभी नमूनों को तत्काल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजने के लिए कहा गया है.
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आरटीपीसीआर व आरए टेस्ट का अनुपात है जरूरी
राज्यों से कंटेनमेंट जोन में घर-घर जाकर टेस्ट करने और आरटीपीसीआर व आरएटी टेस्ट का 60:40 का अनुपात सुनिश्चित करने को कहा गया है. हालांकि इस अनुपात को 70:30 तक बढ़ाया जा सकता है. राज्यों से सभी कोरोना पाजिटिव व्यक्तियों की समय पर कांटेक्ट ट्रेसिंग करने और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी करने के लिए 'एयर सुविधा' पोर्टल का इस्तेमाल करने को भी कहा गया है. कई राज्य कोरोना अस्पतालों को खत्म कर चुके हैं, उनसे कोरोना मामले बढ़ने की संभावना के मद्देनजर कार्ययोजना तैयार रखने को कहा गया है.
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