हमारे शरीर में विटामिन डी न सिर्फ हड्डियां मजबूत करता है बल्कि यह यह शरीर का केल्शियम अवशोषित (absorb) करने में भी मदद करता है। शरीर में विटामिन डी की कमी से मांसपेशियों और हड्डियों में कमजोरी होने के साथ-साथ तनाव और उच्च रक्तचाप जैसे गंभीर रोग हो सकते है। हाल ही में बीएमसी जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में चौका देने वाला खुलासा हुआ है।
इस अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग ऑफिस में शिफ्ट में काम करते है उनमे विटामिन डी का स्तर बेहद कम पाया गया है। कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा में हुई शोध में पाया गया है कि जो लोग ऑफिस में काम करते है वे ज्यादातर धूप में नहीं रहते है जिसके कारण उनमें विटामिन डी का स्तर खतरनाक तरीके से कम पाया गया है। अध्ययन में शामिल 53,425 प्रतिभागियों में विटामिन डी कि सबसे ज्यादा कमी शिफ्ट वर्कर में पाई गयी है जो कि 80 प्रतिशत है।
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अध्य्यन के मुताबिक शिफ्ट वर्कर के बाद ऑफिस वर्कर में 77 प्रतिशत और हेल्थकेयर छात्रों में 72 प्रतिशत कमी सामने आई है। दस में से नौ ऑफिस वर्कर में विटामिन डी की कमी पाई गयी है।
डॉ सेबेस्टियन ने कहा, 'वर्कप्लेस वेलनेस कार्यक्रमों में विटामिन डी स्तरों के महत्व के बारे में शिक्षा शामिल की जा सकती है। ऐसा करने से विटामिन डी से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है।'
विटामिन डी की कमी होने पर हड्डियां कमजोर हो जाती हैं जिससे की इनके टूटने की आशंका बढ़ जाती है। विटामिन डी की कमी से एनर्जी लेवल कम और तनावग्रस्त महसूस होता है।
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Source : News Nation Bureau