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एक्टिव केसों की संख्या 5 लाख से कम, कई राज्यों में बढ़े मामलेः स्वास्थ्य मंत्रालय

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के बारे में बताने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोविड-19 के एक्टिव केसों की संख्या में काफी तेजी से गिरावट आई है.

Updated on: 06 Jul 2021, 04:56 PM

highlights

  • देश में तेजी से घटे कोरोना संक्रमण महामारी के मामले
  • 30 फीसदी के रेट से घटकर 5 लाख से कम हुए मामले
  • कुछ राज्यों में अभी भी बढ़ रहे हैं 10 फीसदी की रफ्तार से मामले

नई दिल्ली :

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के बारे में बताने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि देश में कोविड-19 के एक्टिव केसों की संख्या में काफी तेजी से गिरावट आई है. लगभग 30 फीसदी गिरावट के साथ देश में अब कोरोना के मामले 5 लाख से भी कम हो गए हैं. वहीं देश के कुछ राज्यों में अभी भी मामले 10 फीसदी के हिसाब से बढ़ रहे हैं. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मेघालय, सिक्किम जैसे राज्यों में 10% से अधिक की सकारात्मकता के साथ अधिक मामले सामने आ रहे हैं.

आईसीएमआर के डीजी डॉ बलराम भार्गव ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि WHO के मानकों से 10 गुना ज्यादा मात्रा में टेस्टिंग की जा रही है. वहीं देश के 73 जिलों में कोरोना महामारी की तीसरी लहर का आगमन भी दिखाई दे रहा है. डॉक्टर भार्गव ने आगे बताया कि कोविड-19 में ब्लड क्लॉटिंग बढ़ती है मुबंई में भी यही हुआ था. ब्लड क्लॉटिंग होने का एक और कारण वैक्सीनेशन के बाद लेटे रहने से भी होता है इसलिए हम ब्लड थिनर भी देते हैं. उन्होंने आगे बताया कि महामारी को काबू करने के लिए आम लोगों को भी सामने आना होगा.  भीड़ में समुदायिक जिम्मेवारी निभानी होगी. 

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लव अग्रवाल ने आगे बताया कि वैक्सीनेशन के दौरान जब गलत तरीके से वैक्सीन लगाई जाती है तभी ब्लड क्लॉटिंग होती है. सही तरीके से वैक्सीन लगाने पर ब्लड क्लॉटिंग से राहत रहती है. उन्होंने आगे बताया कि भीड़ में जा रहे लोगों को खुद से कोरोना को फैलने से रोकने के लिए सामुदायिक जिम्मेदारी लेनी होगी. उन्होंने बताया कि मामले जरूर कम हुए हैं न कि वायरस खत्म हो गया है. इसके साथ ही उन्होंने उत्तर पूर्वी राज्यों में ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करवाने की मांग की है.

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लव अग्रवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए आगे बताया कि अगर हिल स्टेशनों की यात्रा करने वाले लोग कोविड-प्रोटोकॉल का उचित व्यहार से कोविड प्रोटोकाल का सही तरीके से पालन नहीं कर रहे हैं वो सरकारी गाइड लाइंस को सही तरीके से फॉलो करें नहीं तो हम फिर से प्रतिबंधों में की गई ढील को रद्द कर सकते हैं. अगर आप सरकारी गाइडलाइंस का पालन नहीं करेंगे तो महामारी फिर से विकराल रूप ले सकती है.