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मोदी सरकार का फैसला, अब 70 फीसदी कम दाम पर होगा घुटने का ट्रांसप्लांट

हृदयरोगियों के लिए स्टेंट की कीमत में कटौती के बाद अब सरकार ने घुटना प्रतिरोपण की मूल्य सीमा फिक्स कर दी है। सरकार ने इस तरह के ऑपरेशन के लिए 54 हजार रुपये से 1.14 लाख रुपये के बीच फीस निर्धारित की है।

Updated on: 17 Aug 2017, 08:13 AM

नई दिल्ली:

हृदयरोगियों के लिए स्टेंट की कीमत में कटौती के बाद अब सरकार ने घुटना प्रतिरोपण की मूल्य सीमा फिक्स कर दी है। सरकार ने इस तरह के ऑपरेशन के लिए 54 हजार रुपये से 1.14 लाख रुपये के बीच फीस निर्धारित की है।

बता दें कि सरकार के इस कदम से इस तरह की सर्जरी में 70 प्रतिशत तक की कमी आएगी। घुटना प्रतिरोपण के लिए निजी हॉस्पिटल मरीजों से मनमानें पैसे वसूलते थे।

लेकिन खुदरा मूल्य तय होने के बाद अब मरीजों द्वारा इस तरह की सर्जरी कराने में सालाना 15 सौ करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।

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रसायन और उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार अवैध और अनैतिक तरीके से मुनाफा कमाने के चलन पर मूकदर्शक बनकर नहीं रहेगी।

सरकार के आंकड़ों के अनुसार देश में करीब डेढ़ से दो करोड़ लोग इस तरह की बीमारी से ग्रसित हैं। भारत में हर साल 1.2 लाख से डेढ़ लाख ऐसे ऑपरेशन होते हैं।

एनपीपीए ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि ऑर्थोपेडिक नी इम्प्लांट पर औसत लाभ 313 प्रतिशत होने का पता चला है।

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