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मंकीपॉक्स नहीं, ये अजनबी बीमारी बच्चों के लिए बन रहा है बड़ा खतरा

मुंबई में हैंड, फुट व माउथ बीमारी का संकट तेजी से पांव पसार रहा है. यहां मंकीपॉक्स से ज्यादा हैंड, फुट और माउथ बीमारी बच्चों के लिए खतरा बनता जा रहा है.

Updated on: 02 Aug 2022, 08:24 PM

मुंबई:

मुंबई में हैंड, फुट व माउथ बीमारी का संकट तेजी से पांव पसार रहा है. यहां मंकीपॉक्स से ज्यादा हैंड, फुट और माउथ बीमारी बच्चों के लिए खतरा बनता जा रहा है. खास बात ये है कि हैंड, फुट और माउथ बीमारी के शिकार ज्यादातर  2 से 12 साल की उम्र के बच्चे हो रहे हैं. न्यूज नेशन संवाददाता शुभांगी सिंह ने संचारी रोग विशेषज्ञ  डॉ. बेहराम पहाड़ीवाला से बात की. पेश है बातचीत का मुख्य अंश.  

डॉ. बेहराम पहाड़ीवाला  ने हैंड, फुट व माउथ बीमारी के बारे में बताते हुए कहा कि यह कोई जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन यह तकलीफ दायक बहुत है. बच्चों में इस बीमारी के दौरान बुखार खांसी के अलावा मुंह, मुंह के अंदर, हाथ और पाव पर दाने आ जाते हैं. इस बीमारी से पीड़ित बच्चों के प्राइवेट पार्ट पर भी दाने आते हैं.  यह दाने की वजह से बहुत जलन होती है.

मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं
उन्होंने बताया कि फिलहाल, मंकीपॉक्स, हैंड फुट और माउथ बीमारी के लिए कोई वैक्सीन नहीं है, लेकिन अगर इसका प्रभाव बढ़ता है तो वैक्सीन कि जरूरत पड़ेगी. बीएमसी ने मंकीपॉक्स, हैंड, फुट व माउथ के लिए सभी निजी अस्पताल के लिए अलर्ट जारी कर दिया है. अस्पतालों से कहा गया है कि ऐसे कोई मरीज अगर अस्पताल में पाए जाते हैं तो बीएमसी को तुरंत इसकी जानकारी दी जाए. उन्होंने बताया कि कई अस्पतालों में मंकी पॉक्स बीमारी के लिए एतियातन के तौर पर आइसोलेशन वार्ड बना दिए हैं. हैंड फुट माउथ से पीड़ित मरीज को एडमिट करने की जरूरत नहीं है. पीड़ित मरीज को घर में अलग रखकर देखभाल की जा सकती है.

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बच्चों को है सबसे ज्यादा खतरा
बच्चों के स्कूल शुरू हो चुके हैं. इसके अलावा बच्चे आपस में भी ज्यादा घुलते मिलते हैं, इसलिए बच्चों में यह बीमारी ज्यादा तेजी से फैलती है. इसके अलावा, जानवर पालने वालों और तबेले में काम करने वाले वयस्क लोगों में भी यह हैंड, फुट माउथ बीमारी फैलती है, क्योंकि जानवर इस बीमारी के कैरियर होते हैं.