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कोरोना वायरस को खत्‍म करने के लिए वैक्सीन की जरूरत नहीं, जानें किसने कही ये बात

फार्मास्युटिकल प्रमुख फाइजर ने कोविड -19 वैक्सीन की रिलीज पर काफी सुर्खियां बटोरीं, वहीं इसके पूर्व उपाध्यक्ष और मुख्य वैज्ञानिक का कहना है कि महामारी को समाप्त करने के लिए किसी भी वैक्सीन की जरूरत नहीं है.

Updated on: 27 Nov 2020, 06:59 PM

नई दिल्ली:

फार्मास्युटिकल प्रमुख फाइजर ने कोविड -19 वैक्सीन की रिलीज पर काफी सुर्खियां बटोरीं, वहीं इसके पूर्व उपाध्यक्ष और मुख्य वैज्ञानिक का कहना है कि महामारी को समाप्त करने के लिए किसी भी वैक्सीन की जरूरत नहीं है. लाइफसाइट न्यूज डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. माइकल येडोन का कहना है कि महामारी को खत्म करने के लिए वैक्सीन की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है. मैंने वैक्सीन को लेकर ऐसी बकवास कभी नहीं सुनी है.

येडोन ने कहा, "आप ऐसे लोगों का वैक्सीनेशन नहीं कर सकते हैं, जिन्हें बीमारी का खतरा नहीं है. जिन वैक्सीन का मानव विषयों पर बड़े पैमाने पर परीक्षण नहीं किया गया है, उन्हें आप लाखों फिट और स्वस्थ लोगों को वैक्सीन लगाने की योजना के बारे में निश्चित नहीं हो सकते हैं."

उनकी टिप्पणियां एडवाइजर ग्रुप फॉर एमरजेंसीज (एसएजीई) की व्यापक आलोचना के साथ खत्म हुई. एसएजीई यूके की एक सरकारी एजेंसी है, जो सरकार को आपातकाल परिस्थितियों में सलाह देती है. लाइफ साइट न्यूज डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, एसएजीई ने ब्रिटेन में सार्वजनिक लॉकडाउन नीतियों के निर्धारण में एक प्रमुख भूमिका निभाई है.

येडोन ने एसएजीई द्वारा छोटी-छोटी कई गलतियों को भी उजागर किया है, जिसके कारण पिछले सात सालों से जनता परेशान हुई है. उन्होंने कहा, "एसएजीई का कहना है कि सभी लोग अतिसंवेदनशील थे और सिर्फ सात संक्रमित हुए हैं. मुझे लगता है कि यह सचमुच अविश्वसनीय है. उन्होंने श्वसन वायरस के खिलाफ इम्यूनोलोजिकल मेमोरी के क्षेत्र में सभी मिसाल को नजरअंदाज कर दिया है."

येडोन ने आगे कहा, "उन्होंने या तो कई विश्व-अग्रणी क्लिनिकल इम्यूनोलॉजिस्टों से उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले काम को देखा नहीं या फिर उसकी अवहेलना की है, जो दिखाती है कि लगभग 30 प्रतिशत आबादी में पूर्व प्रतिरक्षा थी."

पिछले शुक्रवार को फाइजर ने घोषणा की थी कि वह अपने कोविड -19 वैक्सीन के लिए अमेरिकी नियामकों से आपातकालीन स्वीकृति की मांग कर रहा है.