निपाह वायरस से केरल में एक और की मौत, अब तक 14 लोगों की गई जान

निपाह वायरस (एनआईपी) से एक और मरीज की मौत के बाद केरल में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 14 हो गई है।

निपाह वायरस (एनआईपी) से एक और मरीज की मौत के बाद केरल में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 14 हो गई है।

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ruchika sharma
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निपाह वायरस से केरल में एक और की मौत, अब तक 14 लोगों की गई जान

निपाह वायरस

केरल में फैले निपाह वायरस ने लोगों के बीच डर का माहौल बना दिया है। निपाह वायरस (एनआईपी) से एक और मरीज की मौत के बाद केरल में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 14 हो गई है।

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निपाह वायरस के कारण मरीजों का इलाज कर रहीं नर्स लिनी पुतुसेरी भी शामिल हैं। 

इस बीच अधिकारियों ने एनआईपी पीड़ितों के अंतिम संस्कार के लिए एक प्रोटोकॉल जारी किया है।

वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दाह संस्कार को सबसे बेहतर बताया गया है, अगर परिवार दफनाने का विकल्प चुनते हैं तो शव को एक पॉलीथीन बैग से ढका जाना होगा और फिर बहुत गहरे गड्ढे में दफनाना होगा।

सबसे पहले यह वायरस मलेशिया के सुअर पालकों में पाया गया। फिर यह सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल में 2001 में और दोबारा 2007 में पाया गया। अब यह वायरस केरल के चार जिलों -कोझिकोड, मल्लपुरम, कन्नूर और वायनाड- में पाया गया है।

और पढ़ें: केरल में फैला निपाह वायरस, जानिए इसके लक्षण, कारण और बचाव

केरल का कोझिकोड जिला पूरी तरह से प्रभावित है। कहा जाता है कि इस वायरस की पहचान 1998 में सबसे पहले मलेशिया में हुई थी। उस वक्त इस बीमारी की चपेट में 250 से ज्यादा  लोग आए थे। 40 फीसदी से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

अभी तक बीमारी से लड़ने के लिए देश में किसी भी प्रकार के टीके या वैक्सीन का इजाद नहीं हुआ है। 

केरल में फैले निपाह वायरस के कारण फल विक्रेताओं की बिक्री में कमी आई है।

सूफी नाम के फल विक्रेता ने कहा, 'कम दामों में फल बेचने के बावजूद भी ग्राहक फल नहीं खरीद रहे है।'

लोगों में फलों के संक्रमित होने का डर है जिसके कारण बिक्री नहीं हो रही है।

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Source : News Nation Bureau

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