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नए साल पर लें संकल्प
सिगरेट (Smoking) केवल फेफेडे़ ही नहीं जला रही आपके सपनों को भी फूंक रही है. चाहे वो सपना आईफोन (Iphone) का हो, घर का हो या कार का, या फिर अपने बच्चों का अच्छे स्कूल में दाखिला दिलाने का. ये सारे अरमान आपके सिगरेट के धुंए के साथ उड़ रहे हैं. अगर आप रोजाना सिर्फ चार सिगरेट कम कर रहे हैं तो यकीन मानिए 20 साल में आपके पास एक कार होगी. 2018 की विदाई और 2019 के स्वागत की तैयारी में हम लोग जुटे हैं. जाहिर है आज हम कई सारे संकल्प (New Year Resolution 2019) लेंगे. जिस तरह हर आदमी में कोई न कोई अच्छाई होती है. उसी तरह हर व्यक्ति में कई bad habits होती है. कई बुरी आदतें समय के साथ छूट जाती हैं तो वहीं कुछ नयी बुरी आदतें हमारे साथ जुड़ जाती हैं. उनमें से Smoking भी एक है.
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सिगरेट पर खर्च हो रहे अपने हजारों रुपये में से रोजाना आप 40 रुपये यानि 4 सिगरेट कम करके महीने में 1200 रुपये बचा सकते हैं. इन पैसों को अगर आप सिस्टमेटिक इन्वेस्मेंट प्लान (SIP) के तहत किसी भी अच्छे म्यूचुअल फंड में निवेश करें. सिगरेट पर खर्च होने वाले 1200 रुपए यदि 30 साल तक निवेश करे तो उसके पास 32 लाख रुपए का फंड तैयार हो जाएगा. यह अनुमान 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से लगाया गया है. अगर ये पैसा सावधि जमा के रूप में किसी भी बैंक में रखी जाय तो आठ प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से भी करीब 5 लाख रुपये मिल जाएंगे. इतने में कम से कम एक छोटी कार तो आ ही जाएगी.
ये तो रही आपकी गाढ़ी कमाई जो सिगरेट ने राख कर दी. अब धूम्रपान से होने वाली बीमारियों और उन पर होने वाले खर्चों पर पर नजर डालें तो यह रकम 15 लाख तक पहुंच जाएगी. चेस्ट रोग स्पेशलिस्ट डॉ. रजत अग्रवाल बताते हैं कि सिगरेट के हर कश के साथ हमारे शरीर में 4000 खतरनाक केमिकल जाते हैं. इनमें कुछ ऐसे हैं जो लकड़ी की वार्निश, चूहा मारने वाली दवा, डीडीटी, नेलपॉलिश रिमूवर में भी प्रयोग किए जाते हैं.
ये तत्व लंबे समय तक धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के फेफड़े का कैंसर, हाइपरटेंशन, हृदयरोग, स्ट्रोक, सांस की बीमारियां, आस्टियोपोरेसिस जैसे रोगों के जिम्मेदार होते हैं. इनमें से कुछ बीमारियां ऐसी हैं जिसके इलाज में 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपए तक खर्च हो सकते हैं, फिर भी ठीक होने की गारंटी नहीं होती. इसके अलावा धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को सांस और गले की तकलीफें कभी कम नहीं होती. दस में हर छह स्मोकर दमे का शिकार होता ही है. इसके अलाव COPD तो होनी तय है.
Smoking के 20 साल बाद आपके पैसे और फेफेड़े की स्थिति
समय | पूंजी गई (रुपये में) | फेफड़े की स्थिति | बीमारी | इलाज पर खर्च |
5 | 46,000 | 10 प्रतिशत कम | फेफड़े का कैंसर | 10 लाख से 25 लाख |
10 | 1,40,000 | 20 प्रतिशत कम | निमोनिया | 5000 से 50000 |
15 | 3,28,000 | 30 प्रतिशत कम | सीओपीडी | 5000 से 100000 |
20 | 7,06,000 | 50 प्रतिशत कम | हृदय रोग | 50000 से 1000000 |
वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ आरके चित्तलांगिया के अनुसार मुंह व गले के कैंसर का कारण तम्बाकू, पान मसाला, गुटका, सिगरेट, बीड़ी इत्यादि का सेवन है . यह अनुमानित है कि करीब 40 प्रतिशत पुरुष और 15 प्रतिशत महिलायें नियमित रुप से तम्बाकू का सेवन करते हैं . इसके कारण न केवल मुँह और फेफड़े का कैंसर बल्कि खाने की नली और पेशाब की थैली के कैंसर में भी बढ़ोत्तरी हो रही है .
ये है Health और Wealth का SIP
म्युचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश (Mutual Funds Investment) का एक तरीका सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) कहलता है. जानकारों के अनुसार सिप (SIP) से निवेश करने में सबसे अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है. इस माध्यम से आप 100 या 500 रुपए के न्यूनतम निवेश से म्युचुअल फंड में पैसा लगाने की शुरुआत कर सकते हैं.
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अगर आप 10 साल तक केवल 1000 रुपए का ही निवेश करते रहें, तो यह 2.38 लाख रुपए हो जाएगा, जबकि आपका निवेश केवल 1.20 लाख रुपए ही होगा. यानी हर माह थोड़ा थोड़ा निवेश 10 साल में लगभग दोगुना हो गया. यहां पर म्युचुअल फंड (Mutual Fund) स्कीम का रिटर्न 12 फीसदी माना गया है, जबकि 10 साल में मिला इससे काफी ज्यादा है. दरअसल ऐसा अच्छा रिटर्न कपांउडिंग (Power of Compounding) के चलते मिलता है.
पैसे के बढ़ने में कंपाउंडिंग (Power of Compounding) का फायदा
सभी जानकार कहते हैं कि व्यक्ति को हमेशा निवेश (Mutual Funds Investment) की शुरुआत जल्द से जल्द करनी चाहिए. कंपाउंडिंग रिटर्न में बाद का एक एक साल बड़ा ही महत्वपूर्ण होता है. इसको एक उदाहरण से समझ सकते हैं. अगर एक व्यक्ति 30 साल की उम्र से 1000 रुपए हर साल बचाना शुरू करता है, वहीं दूसरा व्यक्ित भी इतना ही धन बचाता है, लेकिन वह 35 साल की उम्र में यह बचत शुरू करें. दोनों को अगर सिर्फ 8 फीसदी रिटर्न मिले तो 60 साल की उम्र में पहले वाले व्यक्ति के पास 12.23 लाख रुपए होगा, जबकि देर से बचत शुरू करने वाले के पास केवल 7.89 लाख रुपए ही होगा.
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यानी पहले निवेश शुरू करने पर करीब 4 लाख रुपए का ज्यादा फायदा. वहीं अगर कोई व्यक्ति 30 साल तक 1000 रुपए का निवेश करे तो उसके पास 32 लाख रुपए का फंड तैयार हो जाएगा. यह अनुमान 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से लगाया गया है. इसे ही निवेश की दुनिया में पॉवर ऑफ कंपाउडिंग (Power of Compounding) कहते हैं.
Source : News Nation Bureau