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कोरोना मरीजों को घेर रही एक औऱ जानलेवा बीमारी Mucormycosis

कोरोना (Corona Virus) का समय पर इलाज न मिलने के कारण कुछ मरीजों की आंख समेत जबड़े और मुंह की कुछ हड्डियां तक निकालनी पड़ रही है.

Updated on: 07 May 2021, 02:55 PM

highlights

  • खतरा इतना बढ़ गया है कि कुछ रोगियों की मौत तक हो रही
  • नाक-आंख से होता हुआ दिमाग को चपेट में ले रहा फंगल इंफेक्शन
  • सही समय पर लक्षण नहीं पहचाने तो निकालनी पड़ सकती है आंख

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस संक्रमण के हर दिन बढ़ते नए मामलों ने देश भर में कोहराम मचा रखा है. कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर से अभी लोगों को राहत मिली भी नहीं थी कि अब एक और खतरा सामने खड़ा हो गया है. कोरोना (Corona Virus) का समय पर इलाज न मिलने के कारण कुछ मरीजों की आंख समेत जबड़े और मुंह की कुछ हड्डियां तक निकालनी पड़ रही है. मेडिकल भाषा में इसे म्यूकोरमाइसिस (Mucormycosis) कहते हैं जिसका खतरा इतना बढ़ गया है कि कुछ रोगियों की मौत तक हो जा रही है. नई दिल्ली में बीते कुछ दिनों में ही आधा दर्जन तो गुजरात के सूरत में 15 दिनों के अंदर ऐसे 40 से अधिक केस सामने आए हैं, जिनमें 8 मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी हैं.

दिल्ली-सूरत में आए कई मामले सामने
देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्‍या दिल्ली-गुजरात में तेजी से बढ़ रही है. मरीजों को न तो बेड मिल रहा है न ही ऑक्‍सीजन. स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं, जिसके चलते कोरोना मरीज अस्‍पताल के बाहर ही दम तोड़ रहे हैं. इसी बीच अब लोगों को एक नई बीमारी ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. ये बीमारी इतनी खतरनाक है कि समय पर इसका इलाज न होने पर मरीज की आंख निकालनी पड़ती है, नहीं तो उसकी मौत हो जाती है. इस नई बीमारी का नाम मिकोर म्यूकोरमाइसिस बताया जा रहा है.

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एक तरह का फंगल इंफेक्शन है म्यूकोरमाइसिस
डाक्टरों की मानें तो म्यूकोरमाइसिस एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है, जो नाक और आंख से होता हुआ ब्रेन तक पहुंच जाता है और मरीज की मौत हो जाती है. पिछले साल कोरोना के पहले फेज में इस बीमारी के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई थी, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में इस तरह के केस बढ़ते जा रहे हैं. पहले कोरोना मरीज आंख दर्द और सिर दर्द को हल्‍के में ले रहे थे लेकिन इस बार इसका असर काफी ज्‍यादा देखा जा रहा है.

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म्यूकोरमाइसिस के और भी है साइड इफेक्‍ट
सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ नाक कान गला (ईएनटी) सर्जन डॉक्टर मनीष मुंजाल ने कहा, 'हम कोविड-19 से होने वाले इस खतरनाक फंगल संक्रमण के मामलों में फिर से वृद्धि देख रहे हैं. बीते दो दिन में हमने म्यूकोरमाइसिस से पीड़ित छह रोगियों को भर्ती किया है. बीते साल इस घातक संक्रमण में मृत्यु दर काफी अधिक रही थी और इससे पीड़ित कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी तथा नाक और जबड़े की हड्डी गल गई थी.'