यूपी में आपदा प्रबंधन को और अधिक पुख्ता करने की तैयारी में योगी सरकार
पीएम मोदी पर विश्वास नहीं किया जा सकता, वह आदतन झूठ बोलते हैं : उदित राज
आंतरिक मामलों में विदेशी देश की मध्यस्थता या हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा भारत : अविनाश पांडे
भारतीय नौसेना में शामिल हुआ 'INS अर्नाला', आधुनिक तकनीक से लैस देश में निर्मित पहला ASW युद्धपोत, जानें खासियत
महाराष्ट्र के स्कूलों में मराठी अनिवार्य, दादाजी भुसे बोले- तीसरी भाषा को लेकर अभिभावकों पर छोड़ा फैसला
वर्ल्ड एथनिक डे : लुप्त होती संस्कृतियों के प्रति जागरूक करने के लिए मुंबई से हुई थी शुरुआत
ट्रंप प्रशासन को भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात को स्पष्ट करना चाहिए था : सपा नेता उदयवीर सिंह
पिता के अंतिम संस्कार में बेसुध होकर गिरती दिखीं मनारा, छोटी बहन मिताली ने इस तरह संभाला
Yogini Ekadashi 2025 Upay : योगिनी एकादशी पर करें ये सरल उपाय, घर में होगी पैसों की बारिश

पुरूषों के डैमेज टेस्टिकल्स को सुधारकर फर्टिलिटी को बढ़ाएंगे ये सेल्स

सेल्स के एक ऐसे छोटे से समूह की खोज की है जो डैमेज टेस्टिकल्स की मरम्मत कर सकते हैं, जिससे पुरुषों की फर्टिलिटी को कायम रखा जा सकता है।

सेल्स के एक ऐसे छोटे से समूह की खोज की है जो डैमेज टेस्टिकल्स की मरम्मत कर सकते हैं, जिससे पुरुषों की फर्टिलिटी को कायम रखा जा सकता है।

author-image
Aditi Singh
एडिट
New Update
पुरूषों के डैमेज टेस्टिकल्स  को सुधारकर फर्टिलिटी को बढ़ाएंगे ये सेल्स

प्रतीकात्मक फोटो

वैज्ञानिकों ने सेल्स के एक ऐसे छोटे से समूह की खोज की है जो डैमेज टेस्टिकल्स की मरम्मत कर सकते हैं, जिससे पुरुषों की फर्टिलिटी को कायम रखा जा सकता है। शोधकर्ताओं ने यह जानकारी दी। यह सेल्स विशेष रूप से कैंसर से उबरने वाले पुरुषों के लिए खासतौर पर मददगार हो सकती हैं।

Advertisment

पुरुषों के टेस्टिकुलर को रेडिएशन या कैंसर के इलाज के दौरान कीमोथेरेपी जैसे बाहरी कारकों से नुकसान पहुंचने की संभावना बहुत अधिक होती है। कीमोथेरेपी के कारण कई बार टेस्टिकुलर को इतनी क्षति पहुंचती है कि इनफर्टिलिटी का खतरा पैदा हो जाता है।

यह भी पढ़ें: 'बाहुबली 2' की एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया को एसएस राजामौली से मतभेद का खामियाजा भुगतना पड़ा?

यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के प्रोफेसर और स्टेम सेल बायोलॉजिस्ट डोनाल ओकैरोल ने बताया, 'चूहों पर किए गए हमारे अध्ययन से पता चलता है कि भविष्य में इलाज के लिए इन सेल्स को फ्रीज कर रखा जा सकता है। हमारा अगला कदम मनुष्यों में भी ऐसी कोशिकाओं की पहचान करना है।'

शोधकर्ताओं ने इन कोशिकाएं को मीवी2 एक्सप्रेसिंग नाम दिया है, जो टेस्टिकल्स के सेल्स के डैमेज की मरम्मत कर सकती हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि ये सेल्स आंतरिक प्रक्रिया के जरिए  डैमेज टेस्टिकल्स की मरम्मत कर सकती हैं, हालांकि इस प्रक्रिया को अभी पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है। 

यह भी पढ़ें: IPL 2017: हाशिम अमला बने ऐसे बल्लेबाज, जिनके शतक लगाने पर हार जाती है टीम

यह भी पढ़ें: चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम का ऐलान, रोहित, अश्विन, शमी लौटे

Source : IANS

Cells
      
Advertisment