New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2018/06/08/46-health.jpg)
अवसाद से जुड़े हैं सोशल मीडिया के नकारात्मक अनुभव (सांकेतिक चित्र)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
सोशल मीडिया पर सकारात्मक बातचीत की तुलना में नकारात्मक अनुभव ज्यादा असर डालते हैं। इन नकारात्मक अनुभवों से युवाओं में अवसाद वाले लक्षणों की संभावना बन जाती है।
अवसाद से जुड़े हैं सोशल मीडिया के नकारात्मक अनुभव (सांकेतिक चित्र)
सोशल मीडिया पर सकारात्मक बातचीत की तुलना में नकारात्मक अनुभव ज्यादा असर डालते हैं। इन नकारात्मक अनुभवों से युवाओं में अवसाद वाले लक्षणों की संभावना बन जाती है।
शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि सोशल मीडिया के नकारात्मक अनुभव अवसाद वाले लक्षणों से जुड़े हैं। निष्कर्षो का प्रकाशन पत्रिका 'डिप्रेशन एंड एंजाइटी' में किया गया है।
अमेरिका के पीट्सबर्ग विश्वविद्यालय के ब्रायन प्रिमैक ने कहा, 'हमने पाया है कि सोशल मीडिया के सकारात्मक अनुभव, बहुत आंशिक रूप से कम अवसाद वाले लक्षणों से जुड़े हैं। लेकिन नकारात्मक अनुभव मजबूती से या लगातार उच्च अवसाद के लक्षणों से जुड़े हैं।'
इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने 1,179 पूर्णकालिक छात्रों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल व अनुभव का सर्वेक्षण किया। इनकी आयु 18 से 30 के बीच रही।
प्रतिभागियों ने अवसाद वाले लक्षणों के आकलन के लिए एक प्रश्नावली भी भरी।
शोधकर्ताओं ने पाया कि सोशल मीडिया पर सकारात्मक अनुभव में हर 10 फीसदी की बढ़ोतरी अवसाद के लक्षणों में चार फीसदी की कमी करती है, लेकिन ये परिणाम सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण नहीं है, इसका अर्थ है कि यह निष्कर्ष बेतरतीब अवसर की वजह से हो सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने कहा कि हर 10 फीसदी नकारात्मक अनुभव में वृद्धि 20 फीसदी अवसाद लक्षणों में वृद्धि से जुड़ी हुई है, यह एक महत्वपूर्ण सांख्यिकीय निष्कर्ष है।
और पढ़ें: डायबिटीज के मरीज भी रख सकते हैं रोजा, बरतनी होगी ये सावधानी
Source : IANS