मंकीपॉक्स वायरस से निपटने के लिए मुंबई में किए जा रहे ये इंतजाम

दुनिया में इस वक्त कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक मंकीपॉक्स वायरस की दहशत फैल रही है. मौजूदा हालात में दुनिया में शायद ही कोई देश मंकीपॉक्स वायरस की चपेट से बचा होगा. WHO ने तो मंकीपॉक्स बीमारी को वैश्विक बीमारी घोषित कर दिया है.

दुनिया में इस वक्त कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक मंकीपॉक्स वायरस की दहशत फैल रही है. मौजूदा हालात में दुनिया में शायद ही कोई देश मंकीपॉक्स वायरस की चपेट से बचा होगा. WHO ने तो मंकीपॉक्स बीमारी को वैश्विक बीमारी घोषित कर दिया है.

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
Monkeypox

monkeypox( Photo Credit : फाइल फोटो)

what is symptoms of monkeypox : दुनिया में इस वक्त कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक मंकीपॉक्स वायरस की दहशत फैल रही है. मौजूदा हालात में दुनिया में शायद ही कोई देश मंकीपॉक्स वायरस की चपेट से बचा होगा. WHO ने तो मंकीपॉक्स बीमारी को वैश्विक बीमारी घोषित कर दिया है. WHO के इस ऐलान के बाद कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय आवाजाही पर भी कोराना काल की तरह रोक लग सकती है.

Advertisment

यह भी पढ़ें : पार्थ चटर्जी को पश्चिम बंगाल के मंत्री पद से हटाया गया, TMC ने जल्द ही बुलाई बैठक

कस्तूरबा गांधी अस्पताल में मंकीपॉक्स वार्ड

मंकीपॉक्स के खतरे और WHO की घोषणा के बाद राज्य सरकार और प्रशासन अलर्ट पर है. देश की आर्थिक राजधानी सबसे बड़ा आंतरराष्ट्रीय शहर मुंबई में तो मंकीपॉक्स वायरस दाखिल होने से पहले ही आइसोलेशन वार्ड्स बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं. मुंबई के कस्तूरबा गांधी अस्पताल में मंकीपॉक्स मरीजों के लिए 28 बेड्स आरक्षित आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं. हालांकि, अब तक मुंबई में मंकीपॉक्स का एक भी मरीज नहीं मिला है. साल 2019 में भी मुंबई के कस्तूरबा गांधी अस्पताल में कोराना वायरस के दाखिल होने से पहले आइसोलेशन वार्ड बनाए गए थे. मंकीपॉक्स के खतरे को भापते हुए बीएमसी प्रशासन ने कस्तूरबा गांधी अस्पताल के साथ-साथ बीएमसी के केईएम, सायन, नायर, राजवाड़ी, भाभा अस्पताल में भी मंकीपॉक्स के लिए वार्ड स्तर पर तैयारी करने के निर्देश दिए हैं.

मुंबई बीएमसी की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मंगला गोमारे के अनुसार, मंकीपॉक्स एक स्वयं सीमित रोग है. मुंबई में किसी भी निजी या सरकारी अस्पताल में मंकीपॉक्स के लक्षणों वाला संदिग्ध पाया जाता है तो बीएमसी को तुरंत जानकारी देने के आदेश दिए गए हैं. बीएमसी और राज्य सरकार ने भी एयरपोर्ट और निजी सरकारी अस्पतालों में आने वाले संदिग्ध  मरीजों पर नजर रखने के लिए कहा है. मॉकीपॉक्स के लिए खास दवाइयां नहीं हैं, इसलिए सिस्टीमैटिक सिंड्रोम मैनेजमेंट के तहत किया जाता है, मतलब फ्लू के लिए इलाज किया जाता है. संदिग्ध लोगों के सैंपल पुणे के नेशनल वायरोलॉजी विभाग में भेजे गए हैं.

यह भी पढ़ें : 44th Chess Olympiad : भारत जीतेगा सबसे ज्यादा मेडल ! क्यों बढ़ी उम्मीद

मुंबई में जंबो कोविड सेंटर बंद कर रही है बीएमसी

डॉ. मंगला गोमारे का कहना है कि कोविड की पहली, दूसरी और तीसरी लहर का प्रभाव मुंबई में रहा है. कोरोना की दूसरी लहर में ओमिक्रॉम के वक्त तो मुंबई में कोरोना मरीजों के 20 हजार से ज्यादा मरीज एक दिन में पाए जाते थे. फिर भी बीएमसी मौत का आंकड़ा रोकने में कामयाब रही. कोराना की तीसरी लहर के बाद चौथी लहर आने की बात कही जा रही थी, लेकिन बीएमसी ने हाल ही में को-जेनेटिक सर्वे किया, उसमें कोराना के आंकड़ों में बहुत कमी पाई गई है. जून में तीसरी लहर और मानसून के चलते आंकड़े बढ़े थे. इन सबको को ध्यान में रखते हुए जंबो कोविड सेंटर कम करने का फैसला लिया गया है, लेकिन मंकीपॉक्स के लिए हम अलर्ट पर हैं.

Monkeypox what is monkeypox virus treatment of monkeypox in hindi symptoms of monkeypox monkeypox history monkeypox 1958 monkeypox first case
      
Advertisment