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Monkey Pox: जांच के लिए भारतीय कंपनी ने लांच किया RT-PCR किट

किट को बीमारी का पता लगाने में 50 मिनट से भी कम समय लगता है.

Updated on: 26 Jul 2022, 06:48 PM

highlights

  • रीयल-टाइम पीसीआर-बेस्ड किट डेवलप कर लिया गया
  • आम लोगों के लिए बाजार में उपलब्ध होगी
  • ‘मेड इन इंडिया’प्रोडक्ट केवल रिसर्च उपयोग के लिए उपलब्ध

नई दिल्ली:

मंकीपॉक्स के मामले दुनिया भर में बढ़ते जा रहे हैं. भारत में अब तक इसके कुल 4 केस सामने आ चुके हैं. वहीं मंकीपॉक्स के वायरस की दहशत के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है. बता दें इस वायरस का पता लगाने के लिए रीयल-टाइम पीसीआर-बेस्ड किट डेवलप कर लिया गया है. इसे डायग्नोस्टिक कंपनी जेनेस2मी प्राइवेट लिमिटेड ने डेवलप किया है. जेनेस2मी भारत में मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स स्पेस की लीडिंग कंपनियों में से एक है. यह NABLसे मान्यता प्राप्त डायग्नोस्टिक लैब हैं, जिसका मुख्यालय गुड़गांव में है. कंपनी का दावा है कि किट को बीमारी का पता लगाने में 50 मिनट से भी कम समय लगता है.

जीन्स टू मी कंपनी के संस्थापक और सीइओ नीरज गुप्ता ने कहा, 'हमनें समय की परिस्थितियों को समझते हुए मंकीपाक्स के लिए यह आरटी पीसीआर लांच किया है जो उच्चतम सटीकता के साथ 50 मिनट से भी कम समय में परिणाम देगा.' उन्होंने आगे कहा कि एक सप्ताह में कंपनी 50 लाख टेस्टिंग किट बनाने की क्षमता रखती है.  हालांकि, इसे एक दिन में 20 लाख टेस्ट किट तक और बढ़ाया जा सकता है. कंपनी ने अपने बयान में आगे कहा है,जेनेस2मी के वैज्ञानिक मंकीपॉक्स वायरस का पता लगाने के लिए 'पॉक्स-क्यू मल्टीप्लेक्स आरटी-पीसीआर किट विकसित करने में सक्षम हैं. साथ ही वेरिसेला जोस्टर वायरस (चिकन पॉक्स) से एकल ट्यूब मल्टीप्लेक्स रिएक्शन फॉर्मेट में अलग करते हैं. अपनी तरह का पहला यह ‘मेड इन इंडिया’प्रोडक्ट केवल रिसर्च उपयोग के लिए (RUO)उपलब्ध है.

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ICMR से किट को मान्यता का इंतजार

किट को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR)से मान्यता का इंतजार है. आईसीएमआर से मंजूरी मिलने के बाद ही ये किट आम लोगों के लिए बाजार में उपलब्ध होगी. वहीं वैक्सीन बनाने वाली कंपनी अदार पूनावाला ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया स्मॉल पॉक्स के टीके की कुछ मिलियन डोज आयात करने के लिए अपना पैसा खर्च कर रहा है.