logo-image

पीरियड्स बंद होने के बाद महिलाओं में बढ़ जाता है दिल की बीमारियों का खतरा: रिसर्च

महिलाओं में रजोनिवृत्ति के संक्रमण को अन्य स्वास्थ्य प्रभावों के साथ जोड़कर देखा जाता है, जिसमें हॉट फ्लेशेज और डिप्रेशन से लेकर वास्कुलर एजिंग तक शामिल होती है।

Updated on: 16 Apr 2018, 06:32 PM

नई दिल्ली:

हर तीन में से एक वयस्क महिला को दिल से संबंधित कोई न कोई बीमारी होती है। खासकर रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के बाद हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। महिलाओं में मेनोपॉज के 10 साल बाद दिल का दौरा पड़ने के मामलों में वृद्धि देखी जाती है। यह बात एक शोध में सामने आई है।

शोध रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं में रजोनिवृत्ति के संक्रमण को अन्य स्वास्थ्य प्रभावों के साथ जोड़कर देखा जाता है, जिसमें हॉट फ्लेशेज और डिप्रेशन से लेकर वास्कुलर एजिंग तक शामिल होती है, जिसे आम तौर पर धमनियों की कठोरता और एंडोथेलियल डिस्फंक्शन के रूप में देखा जाता है। ऐसे समय में जब एस्ट्रोजन का स्तर ऊपर-नीचे होता है, तब महिलाओं के विविध पैरामीटर्स की मॉनीटरिंग जरूरी हो जाती है।

ये भी पढ़ें: IPL 2018 Live: दिल्ली को हराकर जीत की राह पर आना चाहेगी कोलकाता की टीम

इस शोध की चर्चा करते हुए हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. केके अग्रवाल ने कहा, 'एस्ट्रोजेन हार्मोन किसी महिला के शरीर के विभिन्न हिस्सों की रक्षा करने में मदद करता है। मेनोपॉज से पहले एस्ट्रोजन का स्तर कम होना माइक्रोवास्कुलर रोग का जोखिम पैदा करता है। महिलाओं को अक्सर सीने में दर्द या असुविधा महसूस हो सकती है, लेकिन यह प्रमुख लक्षण नहीं हो सकता।'

डॉक्टर ने कहा कि हर महिला में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ महिलाओं को रजोनिवृत्ति के दौरान अपने दिल की धड़कन बढ़ने का अहसास होता है। ऐसे मामलों में किसी भी आशंका को खत्म करने के लिए जल्द से जल्द जांच कराना महत्वपूर्ण होता है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि सीने में दर्द, दबाव या असुविधा के अलावा महिलाओं में हार्टअटैक के संकेतों और लक्षणों में प्रमुख हैं- गर्दन, कंधे, ऊपरी पीठ या पेट में जकड़न, सांस की तकलीफ, मतली या उल्टी, पसीना, हल्कापन या चक्कर आना और असामान्य थकान।

उन्होंने कहा, "महिलाओं को अपने हृदय को तंदुरुस्त रखने के लिए नियमित व्यायाम और वसा रहित पौष्टिक आहार लेना चाहिए। इसके अलावा धूम्रपान जैसी अस्वास्थ्यकर आदतें छोड़ देनी चाहिए। धूम्रपान करने से जो नुकसान होते हैं उनमें जल्दी रजोनिवृत्ति, रक्त के थक्के, धमनियों के लचीलेपन में कमी और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर में गिरावट प्रमुख हैं।"

रजोनिवृत्ति की स्थिति में महिलाओं के लिए एचसीएफआई के टिप्स:

* हफ्ते के ज्यादातर दिनों में कम से कम 30 मिनट के लिए मध्यम तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि और वजन संतुलन के लिए 60 से 90 मिनट की गतिविधि जरूरी है।

* धूम्रपान से बचें और सुबह-शाम किसी बाग में टहलें।

* नियमित व्यायाम करें, ताकि कमर का साइज 30 इंच से कम रहे।

* दिल के अनुकूल आहार लें। आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करें।

* रक्त शर्करा, खराब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप (बीपी) को नियंत्रण में रखें।

* 65 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं, डॉक्टर से परामर्श लेकर प्रतिदिन एस्पिरिन ले सकती हैं।

* धूम्रपान करने वाली महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियां लेने से बचना चाहिए।

* अगर किसी कारण अवसाद से ग्रस्त हैं, तो उसका इलाज करवाएं।

ये भी पढ़ें: VIRAL: सपना चौधरी और अर्शी खान के बीच हुआ डांस का मुकाबला!