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देश की आबादी का बड़ा हिस्सा माइग्रेन से पीड़ित, जानें कैसे होती है ये बीमारी

वर्तमान दौर में तमाम लाइफ स्टाइल बीमारियों के साथ देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा माइग्रेन (MIGRAINE) की बीमारी से परेशान है. माइग्रेन की इस अवस्था में अक्सर मरीज के सिर में असहनीय दर्द होता है और चक्कर आने के साथ साथ उल्टी की शिकायत भी महसूस होती है.

Updated on: 16 Sep 2022, 07:15 PM

नई दिल्ली:

वर्तमान दौर में तमाम लाइफ स्टाइल बीमारियों के साथ देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा माइग्रेन (MIGRAINE) की बीमारी से परेशान है. माइग्रेन की इस अवस्था में अक्सर मरीज के सिर में असहनीय दर्द होता है और चक्कर आने के साथ साथ उल्टी की शिकायत भी महसूस होती है. यूं तो माइग्रेन का कोई विशेष कारण आज तक सामने नहीं आया है, लेकिन हेल्थ विशेषज्ञ इसके पीछे तमाम कारण मानते हैं. मैक्स अस्पताल दिल्ली के न्यूरोलॉजी विभाग (MAX HOSPITAL, DELHI) के प्रिसिंपल कंसलटेंट डॉ. अमित बत्रा  ( DR. AMIT BATRA) कहते हैं कि अनियमित होती जीवन शैली माइग्रेन के बडे़ कारणों में से एक है. डॉ. अमित बत्रा ( DR. AMIT BATRA) का मानना है कि अक्सर लोगों में ये बीमारी आनुवांशिक यानी जेनिटिकल रूप से अपने माता-पिता से आती है. ये सामान्य सिर दर्द से काफी अलग होता है. 

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लक्षण

अगर माइग्रेन ( MIGRAINE) के लक्षणों की बात करें तो अक्सर हाथ पैरों में कमजोरी के साथ उल्टी आना इसके प्रमुख लक्षणों में से एक है. जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या होती है उनको अक्सर सिर के दोनों तरफ दर्द होता है और  अक्सर खाली पेट रहने पर, अधिक शोर वाली जगह जाने पर और कई बार तो चाकलेट और कॉफी पीने से भी हो जाता है. कुछ लोगों को थोड़ा सा भी शोर में जाने पर बैचैनी और घबराहट फील होती है. कई बार लोग माइग्रेन को भी सामान्य सिर दर्द समझते हैं, लेकिन ये सामान्य सिर दर्द की तुलना में बहुत ही अधिक तीव्र होता है और कई बार ऐसा लगता है कि मरीज के सिर पर किसी भारी चीज या धातु से प्रहार करने जैसा महसूस होने लगता है. कई बार अधिक शारीरिक मेहनत करने पर भी ये दर्द महसूस होता है.

माइग्रेन होने के कारण

माइग्रेन (MIGRAINE) होने का असली वजह क्या है, इसके बारे में डॉक्टरों का कहना है कि असल वजह अभी तक सामने नहीं आ पाई है लेकिन डॉ. अमित बत्रा  ( DR. AMIT BATRA) की मानें तो अक्सर ये बीमारी मरीज को आनुवांशिक यानि माता-पिता, दादा-दादी से मिलती है, लेकिन वर्तमान लाइफ स्टाइल में बढ़ता स्ट्रेस और अनियमित दिनचर्या इसका एक बड़ा कारण है.

कई बार रक्त वाहिनियों यानि ब्लड वैसल्स के बड़े होने और कई बार मौसमी बदलाव भी कुछ लोगों में माइग्रेन के बडे़ कारण बन जाते हैं. इसके अतिरिक्त कई बार महिलाओं को मासिक धर्म यानि पीरियड के दिनों में होने वाले हारमोनल बदलाव भी इसकी एक बड़ी वजह बन जाते हैं. इसके साथ कैफीन युक्त पदार्थ जैसे चाय, कॉफी के साथ शराब और धूम्रपान की आदत भी माइग्रेन का कारण बन  सकती है. बात महिलाओं की करें तो गर्भनिरोधक दवाइयां और पीरियड्यस की अनियमितता भी इसका कारण बन जाती है. महिलाओं में माइग्रेन की समस्या अक्सर ही पीरियड्स के दिनों में देखने को मिलती है. कई बार तेज गंध, बदबू और बेहद तेज आवाज में म्यूजिक चलने और कई बार शरीर में पानी की कमी हो जाने पर भी होता है. खासकर, मरीज को किसी खास परिस्थिति या वातावरण में आने पर सिर में असहनीय दर्द हो तो समझा जा सकता है कि ये माइग्रेन का एक लक्षण हो सकता है. 

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माइग्रेन से क्या बरतें सावधानी 

माइग्रेन (MIGRAINE) के लक्षणों से आपको अगर इसकी शुरुआत का आभास हो चुका है तो फिर डॉक्टर के पास जाने में देरी न करें. डॉ. अमित बत्रा ( DR. AMIT BATRA) कहते हैं कि भरपूर नींद और आराम के साथ ही अपनी क्षमता के अनुसार वर्कआउट के साथ ही मेडिटेशन और योग-प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए. इसके साथ ही शराब, सिगरेट, फास्टफूड और कैफीन युक्त पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए. कोशिश करें कि रात को जल्दी सो जाएं और सुबह जल्दी उठकर मार्निंग वॉक करें. अगर किसी वजह से जल्दी नहीं सो पा रहे हैं तो कोशिश करें कि 7-8 से आठ घंटों की गहरी नींद जरूर लें. मौसमी फलों और सलाद के साथ ही हरी सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करें. हाईप्रोटीन और आराम से पचने वाला भोजन ही करना फायदेमंद होगा. जहां तक संभव हो नॉनवेज और रेडमीट खाने से बचें. इसके साथ डिजिटल ब्लड प्रेशर चेक मीटर घर पर रखें और उससे सुबह अपना ब्लड प्रेशर चेक करते रहें. अगर आपका ब्लड प्रेशर लगातार लो या काफी हाई चल रहा है तो इस बारे में डॉक्टरी सलाह जरुर लें. इसके साथ ही अगर माइग्रेन लगातार चल रहा हो तो लंबी दूरी के लिए वाहन चलाने से बचें. यही नहीं अगर सर में असहनीय दर्द हो रहा है तो डॉक्टर से मिलने में बिल्कुल भी देरी न करें.