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फेफड़े का कैंसरः आपके घर की दीवारें भी हैं जिम्‍मेदार, तुरंत करें ये उपाय

दुनिया में फेफड़े के कैंसर (Lungs Cancer) का सबसे बड़ा कारण स्‍मोकिंग है. इसके बावजूद बहुत से ऐसे लोग हैं, जिन्‍होंने अपनी जिंदगी में कभी स्‍मोकिंग नहीं की, फिर भी फेफड़े के कैंसर ने उन्‍हें निगल लिया.

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Drigraj Madheshia
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फेफड़े का कैंसरः आपके घर की दीवारें भी हैं जिम्‍मेदार, तुरंत करें ये उपाय

फेफड़ के कैंसर का दूसरा सबसे कारण है रेडॉन( Photo Credit : फाइल)

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दुनिया में फेफड़े के कैंसर (Lungs Cancer) का सबसे बड़ा कारण स्‍मोकिंग है. इसके बावजूद बहुत से ऐसे लोग हैं, जिन्‍होंने अपनी जिंदगी में कभी स्‍मोकिंग नहीं की, फिर भी फेफड़े के कैंसर ने उन्‍हें निगल लिया. लंग्‍स कैंसर के वैसे तो स्‍मोकिंग के अलावा और भी कारण हैं पर दूसरा सबसे बड़ा का कारण आपके घर की दीवार से रिसता पानी, फटी हुई दीवार या दीवार का प्लास्टर का उखड़ना भी है.

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चौंक गए न. आपका चौंकना लाजिमी है. भला दीवार और कैंसर का क्‍या संबंध? दरअसल घर बनाते समय यूरेनियम, थोरियम या रेडियम का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है. ऐसे मकानों की दीवारों और छतों से रेडॉन गैस धीरे-धीरे रिसती रहती है. इसका खतरा उन घरों में ज्यादा होता है, जहां हवा के निकलने के लिए वेंटिलेशन नहीं होती है. रेडॉन एक ऐसी गैस है जो कैंसर का कारक है. रेडॉन गैस वहां ज्‍यादा बनती है जहां घर में किसी दीवार से पानी रिस रहा है, दीवार फट गई है या प्लास्टर आदि उखड़ गया है. सांस लेते समय रेडॉन आपके फेफड़ों में पहुंच जाती है और फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकती है.

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इससे बचने के लिए दीवार की मरम्मत जरूर करवाएं और घर में वेंटिलेशन के लिए खिड़की और दरवाजे सही जगह लगवाएं. एक अध्‍ययन के मुताबिक, फेफड़े के कैंसर से होने वाली मौतों पर एक नजर डाली जाए तो अमेरिका में इससे हर साल 15 से 22 हजार लोगों की मौत रेडॉन गैस के कारण होने वाले फेफड़े के कैंसर से होती है.

WHO की रिपोर्ट

  1. दुनिया भर में 0 से 19 साल तक के लोगों में हर साल कैंसर के 3 लाख नए केस आ रहे हैं
  2. 30 से 35 प्रतिशत कैंसर का इलाज पूरी तरह संभव है
  3. 2010 में दुनिया भर में 1.6 ट्रिलियन यूएस डालर यानी 11,47,49,60,00,00,000 रुपये की इकॉनमी कैंसर की भेंट चढ़ गई
  4. 2018 में दुनिया भर के करीब 96 लाख लोगों को कैंसर ने निगल लिया

फेफड़े के कैंसर के शुरुआती लक्षण

  1. सांस लेते समय कोई सीटी जैसी आवाज सुनाई देती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. जरूरी नहीं यह कैंसर का ही लक्षण हो लेकिन अगर ऐसा है तो यह समस्‍या फेफड़ों से जुड़ी हो सकती है
  2. अगर सीने में कफ 2-3 सप्ताह से भी ज्यादा समय तक बना रहता है यह संक्रमण हो सकता है. इसके अलावा थूक में कफ या रक्त होना पर गंभीरता से लें और जांच कराएं.
  3. गहरी या लंबी सांस लेने में तकलीफ महसूस करते हैं, तो यह अवरोध सीने में तरल पदार्थ के जमा होने के कारण हो सकता है. यह फेफड़ों में कैंसर के भी कारण पैदा होता है.
  4. सीने के साथ-साथ पीठ और कंधों में दर्द को गंभीरता से लें. यह लसिकाओं के स्थानांतरण के कारण हो सकता है. भले ही आप स्वस्थ महसूस करें, डॉक्टर को जरूर दिखाएं.
  5. फेफड़ों के कैंसर का असर बढ़ने पर मस्तिष्क पर भी पड़ सकता है. ऐसी स्थि‍ति में लगातार सिर में दर्द बना रहता है.

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