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DRDO की कोरोना दवा 2-DG कैसे और कितनी मात्रा में लेना होगी, जानिए

कोरोना के खिलाफ जंग में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की नई दवा उम्‍मीद की किरण लेकर आई है. इस दवा का नाम 2-डीऑक्‍स‍ी-डी-ग्लूकोज है.

Updated on: 17 May 2021, 08:55 AM

highlights

  • कोरोना से जंग में भारत को नया हथियार
  • आज लॉन्च होगी DRDO की कोरोना दवा
  • कोरोना दवा 2-DG को लॉन्च किया जाएगा

नई दिल्ली:

कोरोना के खिलाफ जंग में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की नई दवा उम्‍मीद की किरण लेकर आई है. इस दवा का नाम 2-डीऑक्‍स‍ी-डी-ग्लूकोज है. डीआरडीओ द्वारा विकसित कोरोना की दवा 2-डीजी (2-deoxy-D-glucose) को गेम-चेंजर माना जा रहा है, जो मरीजों को तेजी से ठीक होने में मदद करेगी और ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करेगी. डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज (डीआरएल), हैदराबाद के सहयोग से डीआरडीओ की प्रयोगशाला आईएनएमएएस द्वारा दवा 2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) का एक एंटी-कोविड-19 चिकित्सकीय अनुप्रयोग विकसित किया गया है. हालांकि इस नई दवा को लेकर लोगों के मन में बहुत से सवाल हैं, जिसमें से खासतौर पर लोग सोच रहे होंगे कि यह दवा कैसे खाई जाएगी, कितनी मात्रा में ली जाएगी. तो चलिए हम आपके इन सवालों के जवाब देने की कोशिश करते हैं.

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कोरोना की यह दवा काम कैसे करती है?

सबसे पहले बताते हैं कि यह दवा कैम कैसे करती है. अब तक सामने आई स्टडी के अनुसार, यह दवा अस्पताल में भर्ती रोगियों की तेजी से रिकवरी में मदद करती है और बाहर से ऑक्सीजन देने पर निर्भरता को कम करती है. दरअसल, यह दवा ग्लूकोज का एक सब्स्टिट्यूट है. यह लगभग ग्लूकोज की तरह है, लेकिन असल में उससे बिल्कुल अलग है. यह पाउडर के रूप में है, जिसे पानी में घोलकर मरीजों को दिया जाता है. कोरोना वायरस अपनी एनर्जी के लिए मरीज के शरीर से ग्लूकोज लेता है, मगर ग्लूकोज के धोखे में वह इस दवा का इस्तेमाल करने लगता है. जिससे वायरस को एनर्जी मिलना बंद हो जाती है और उनका वायरल सिंथेसिस बंद होने लगता है. इस तरह नए वायरस का बनना बंद हो जाता है और साथ ही बाकी वायरस भी मरने लगते हैं.

कैसे ली जाती है दवा?

एक सैशे में पाउडर के रूप में यह दवा आती है, जिसे पानी में घोलकर लिया जाता है. यह वायरस संक्रमित कोशिकाओं में जमा होती है और वायरल संश्लेषण और ऊर्जा उत्पादन को रोककर वायरस के विकास को रोकती है. वायरस से संक्रमित कोशिकाओं में इसका चयनात्मक संचय इस दवा को बेजोड़ बनाता है. दवा के असर की बात की जाए तो संक्रमित कोशिकाओं में दवा के प्रभाव करने के तरीके के कारण इस दवा से बहुमूल्य जीवन बचाने की उम्मीद है. इससे कोविड-19 मरीजों के लिए अस्पताल में बिताए जाने वाले दिनों की संख्या भी कम हो जाती है.

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यह दवा कितनी मात्रा में ली जाएगी?

आम ग्लूकोज की तरह यह दवा सैशे (पाउच) में पाउडर के रूप में मिलेगी, जिसे पानी में मिलाकर मुंह से ही मरीज को दिया जाता है. हालांकि यह दवा की कितनी मात्रा और कितने समय में दी जानी है, इसका निर्णय डॉक्टरों पर रहेगा. इस बारे में डॉक्टर मरीज की उम्र, मेडिकल कंडीशन आदि की जांच करके ही करेंगे. आपको बता दें कि डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने बिना डॉक्टर की सलाह, कोरोना से बचने के नाम पर या ज्यादा मात्रा में यह दवा न लेने की चेतावनी भी दी है.

आज लॉन्च होगी DRDO की दवा 2-डीजी

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के सामने लड़खड़ाते भारत को अब नया हथियार मिलने जा रहा है. सोमवार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की ओर से विकसित कोरोना की दवा 2-डीजी की पहली खेप को रिलीज किया जा रहा है. जिसके बाद अगले एक-दो दिनों में यह दवा मरीजों को मिलने लग जाएगी. हैदराबाद की डॉक्टर रेड्डीज लैब में इसकी 10 हजार डोज बनकर तैयार हो गई है, जिसको आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन आज सुबह 10.30 बजे इस दवा को देश को समर्पित करने जा रहे हैं. हाल ही में कोविड-19 के मध्यम और गंभीर लक्षण वाले मरीजों पर इस दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से मंजूरी दी जा चुकी है.