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Banaras Hindu University,( Photo Credit : social media )
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में देश-विदेश के वैज्ञानिक महामारियों में डीएनए के डिफेंस मैकेनिज्म पर मंथन करने में लगे हुए हैं. इनमें चार महाद्वीप के वैज्ञानिक शामिल है. इस अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज कैसे इंसान के जीन को परख कर उसे उस तरह के दावा से किया जाए इस पर बात हो रही है. साथ ही कैंसर को पकड़ने के लिए प्रेगनेंसी किट की तरह कीट बनाने पर भी विचार हो रहा है. भारत में महामारी की तरह कई रोग फैलकर आम हो गए, जिसमे से एक है मधुमेह ये कुछ इस तरह से पैर पसार रहा है की हर दूसरे आदमी को इस तरह की शिकायत मिल रही है. साथ ही ट्यूबर क्लोसिस जैसी बीमारियो को इंसान के जीन के आधार पर इलाज किया जाए तो इसका सबसे बड़ा लाभ मिलेगा इसी पर देश और विदेश के वैज्ञानिक मंथन कर रहे है जिसका नतीजा भी अच्छा आने की उम्मीद है.
दूसरी तरह मोटापा भी रोगों का मुख्य गढ़ माना जा रहा है वैज्ञानिक के अनुसार भारत में जो आबादी है इसके 25 प्रतिशत लोग मोटापे के शिकार हैं इनका कहना हैं की पिडयाट्रिक कैंसर शाकाहारी लोगो में फैल रहा है. इसका कारण यूरिया से युक्त सब्जियां भी हो सकती है और इसी आधार पर शोध आगे बढ़ रहा है उन्होंने ये भी बताया की कैंसर को पता लगाने के लिए अब प्रेगनेंसी कीट की तरह कीट बनाने पर भी शोध हो रहा है जो आने वाले समय में बाजार में हो सकता है.
इसके अलावा देश के कई कोने से ऐसे वैज्ञानिक आए है जो वाइल्ड लाइफ पर रिसर्च कर रहे है और ऐसे भी वैज्ञानिक है जो जम्मू और कश्मीर की आबादी पर खास तौर एक रिसर्च कर रहे है ताकि वह जो बीमारिया इनके द्वारा फैल रही है उसका पता लगाया जा सके.
Source : Sushant Mukherjee