ब्रिटेन के राजकुमार विलियम की पत्नी केट मिडल्टन तीसरी बार प्रेग्नेंट है। मिडल्टन को प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (एचजी ) की दिक्कत है। इस समस्या के कारण उन्हें अपनी पिछली दोनों गर्भवस्था के दौरान परेशानी उठानी पड़ी।
एचजी को सामान्य भाषा में मार्निंग सिकनेस कहते है, जो गर्भावस्था में आम मानी जाती है। हालांकि यह मार्निंग सिकनेस के गंभीर रूप होता है। इसके कारण गर्भावस्था की दौरान जी मिचलाने, सामान्य से ज़्यादा उल्टियां होने की शिकायत और डिहाइड्रेशन का ख़तरा बना रहता है। आज हम आपको एचजी जुड़ी समस्याओं और कारणों के बारे में बताते हैं:-
हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम की शिकायत
गर्भावस्था के दौरान 70-80 फीसदी महिलाओं को अलग-अलग तरह की मार्निग सिकनेस की समस्या का सामना करना पड़ता है। हाल ही में अमेरिका में हुई एक शोध के अनुसार अस्पतालों में तकरीबन 60,000 एचजी के मामले सामने आए हैं, लेकिन इनकी संख्या इससे ज्यादा हो सकती है। क्योंकि कई बार महिलाएं घर पर ही इसका इलाज कराती है।
माना जाता है कि हार्मोंन स्तर के बढ़ने के कारण इसमें गंभीर रूप से मतली की समस्या होती हैं, हालांकि अभी तक इसके कारणों के बारे में ठीक से पता नहीं लगाया जा सका है।
एचजी के लक्षण आमतौर पर गर्भावस्था के 4-6 सप्ताह के बीच दिखाई देते हैं और यह 9-13 सप्ताह के बीच बढ़ सकता है। अधिकांश महिलाओं को 14-20 सप्ताह के बीच कुछ आराम मिलता है, हालांकि 20% से ज्यादा महिलाओं को पूरी गर्भावस्था हाइपरमेसिस की समस्या से जूझना पड़ता है।
एचजी को रोकने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन इसके बारे में पता चलने के बाद इस दौरान खास ख्याल रखना पड़ता है।
क्या होता है मार्निग सिकनेस और हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम में अंतर
- मार्निग सिकनेस में उबकाई और उल्टी की समस्या होती है लेकिन एचजी में दिन में तीन से चार बार भारी उल्टी की शिकायत रहती है।
- मार्निग सिकनेस में उल्टी की शिकायत 12 हफ्ते में खत्म हो जाती है जबकि एचजी में ऐसा नहीं होता है। एचजी में पूरी गर्भावस्था के दौरान भारी उल्टी की शिकायत रहती है है।
- मार्निग सिकनेस के कारण होने वाली उल्टी से डिहाईड्रेशन की शिकायत नहीं होती है, वहीं एचजी यह गंभीर हो जाता है।
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हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम के लक्षण
- उबकाई और भारी उल्टी
- खाने मे कमी
- प्रेग्नेंसी से पहले वजन में कमी
- पेशाब में कमी
- डिहाईड्रेशन
- सिरदर्द
- बेहोशी
- पीलिया
- जरूरत से ज्यादा थकान
- लो ब्लड प्रेशर
- तीव्र हृदय गति
- त्वचा के लचीलेपन में कमी
- अवसाद/बेचैनी
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क्या होता है इसका इलाज
एचजी के कई मामलों में गंभीर समस्या होने के कारण अस्पताल जाने की स्थिति हो जाती है। वैसे सामान्यत तरल पदार्थ जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स, विटामिन, और पोषक तत्व ट्यूब आहारों का सेवन शरीर को हाईड्रेट रखने में मदद करता है।
नासोस्कास्ट्रिक - नाक के जरिए ट्यूब के माध्यम से पेट में पोषक तत्वों का सेवन कराना।
पेर्केनेट्य एन्डोस्कोपिक गैस्ट्रोस्टोमी - पेट में ट्यूब के माध्यम से पोषक तत्वों को पुनर्स्थापित करता है; एक ऑपरेशन की जरूरत भी हो जाती है।
इसके अलावा बेड रेस्ट, एक्यूप्रेशर और घरेलु नुस्खों के जरिए भी हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम से आराम पाया जा सकता है।
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Source : Aditi Singh