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Ischemic Heart Disease: इस्केमिक हृदय रोग बन सकती है मौत का कारण, जानें क्या है इसके लक्षण और कारण

Ischemic Heart Disease: इस्केमिक हृदय रोग एक हृदय संबंधी समस्या है, जो हृदय की आर्टरी में ब्लड सर्कुलेशन की समस्या के कारण होती है. आइए जानें क्या है क्या इसके लक्षण और प्रकार

Updated on: 01 Apr 2024, 09:01 PM

नई दिल्ली:

Ischemic Heart Disease: इस्केमिक हृदय रोग (Ischemic Heart Disease) एक हृदय समस्या है जो शारीरिक क्रियाओं को नियंत्रित करने वाली हृदय की आर्टरी में ब्लड सर्कुलेशन की समस्या के कारण होती है. यह रोग आमतौर पर मिट्टी, कॉलेस्ट्रॉल या अन्य पदार्थों की जमाव के कारण होता है, जो हृदय की आर्टरी को बंद कर देते हैं. इससे हृदय को आवश्यक ऑक्सीजन और पोषण पहुंचाने वाली रक्त पहुंचाने में असमर्थता होती है, जिससे यह डेमेज हो जाता है. इस रोग के प्रमुख लक्षणों में छाती में दर्द, दिल की दबाव, अनियमित हृदय कार्य, थकान और श्वास-प्रश्वास में समस्या शामिल हो सकती है. इस रोग का प्रबंधन व्यायाम, स्वस्थ आहार, दवाओं का उपयोग और आवश्यकतानुसार सर्जरी शामिल करता है. इस्केमिक हृदय रोग सामान्यत: उम्रदराज़ और उच्च रक्तचाप, अत्यधिक शराब पीने, अधिक तेल और तला खाने, धूम्रपान, शारीरिक निष्क्रियता और गहरे तनाव के कारण बढ़ सकता है. एक आकड़ें के अनुसार 2019 में 19 करोड़ से ज्यादा इस्केमिक हृदय रोग के मामले दर्ज हुए, वही इससे 9 करोड़ से ज्यादा मौतें हुई.

इस्केमिक हृदय रोग (Ischemic Heart Disease) के प्रकार

स्थायी एनजाइना (Stable Angina): यह इस्केमिक हृदय रोग का सबसे सामान्य प्रकार है, जिसमें व्यक्ति शारीरिक गतिविधियों के दौरान या तनाव के समय छाती में दर्द महसूस करता है. यह दर्द सामान्यतः बाहरी कारणों से ठीक हो जाता है, जैसे नज़रअंदाज़ या आराम करने से.

अस्थायी एनजाइना (Unstable Angina): यह अधिक गंभीर होता है और अचानक होता है. यह दर्द आमतौर पर अधिक लंबे समय तक रहता है और अक्सर आमतौर पर निर्धारित इलाजों से भी ठीक नहीं होता है.

कोरोनरी वैसोस्पास्म (Coronary Vasospasm): यह इर्रेगुलर आर्टरी की एक विशेष प्रकार की डिसफंक्शन के कारण होता है, जिसके कारण रक्त की आपूर्ति रुक ​​जाती है. यह अचानक दर्द के रूप में महसूस होता है.

प्राकृतिक मृत्यु (Sudden Cardiac Death): इस रोग के सबसे गंभीर प्रकार में से एक है, जिसमें हृदय का अचानक बंद हो जाता है. यह अक्सर पहले से ही निदान नहीं होता है.

इस्केमिक हृदय रोग (Ischemic Heart Disease) के कारण

आर्थरोस्क्लेरोसिस: यह एक प्रमुख कारक है, जो हृदय की धमनियों के दीवारों पर प्राचीन से ही फैट, कॉलेस्ट्रॉल और कैल्शियम का जमाव कर देता है. यह धमनियों को संकटित करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बाधित करता है, जिससे इस्केमिक हृदय रोग हो सकता है.

तेल और कोलेस्ट्रॉल युक्त आहार: अधिक मात्रा में तल, तेल और कोलेस्ट्रॉल युक्त आहार खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकते हैं, जो धमनियों की जमाव की संभावना को बढ़ाता है.

निकोटीन: धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करने से धमनियों की जमाव हो सकती है, जिससे इस्केमिक हृदय रोग का खतरा बढ़ता है.

हाई ब्लड प्रेशर: लंबे समय तक उच्च रक्तचाप के होने से हृदय की धमनियों में क्षति हो सकती है, जो इस्केमिक हृदय रोग का कारण बन सकती है.

सामाजिक कारण: अधिक तनाव, अस्वस्थ खान-पान, निष्क्रिय जीवनशैली और शारीरिक निष्क्रियता भी इस रोग के लिए बड़े कारक हो सकते हैं.

इस्केमिक हृदय रोग (Ischemic Heart Disease) के लक्षण

छाती में दर्द: यह सबसे सामान्य लक्षण है, जो छाती के केंद्र में या बाएं हाथ के अंगूठे में दर्द के रूप में अनुभव किया जा सकता है.

हृदय की दबाव: व्यक्ति दबाव और असहजता का अनुभव कर सकता है.

इर्रेगुलर हार्ट फंक्शन: हृदय के अनियमित धड़कन या असामान्य नृत्य की स्थिति में व्यक्ति को अनुभव हो सकता है.

थकान: अचानक थकान का अनुभव हो सकता है, जो रोगी की गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है.

सांस में समस्या: श्वास-प्रश्वास के दौरान अथवा शारीरिक गतिविधियों के दौरान सांस लेने में समस्या का अनुभव हो सकता है.

यदि किसी व्यक्ति को ये लक्षण अनुभव हो रहे हैं, तो उन्हें तत्काल चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए. इस्केमिक हृदय रोग का समय रहते पर निदान और उपचार करना महत्वपूर्ण होता है.