बॉलीवुड एक्टर इरफान खान ने शुक्रवार को अपनी दुर्लभ बीमारी के बारे में खुलासा किया। इरफान खान को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर नाम की बीमारी हुई है।
पहले खबर थी कि इरफान ब्रेन कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं, हालांकि उन्होंने इसे अफवाह बताया। इरफान ने अपने ट्वीट में कहा था कि 'न्यूरो' हमेशा ब्रेन के लिए नहीं होता। तो आज हमा आपको बताते हैं कि न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर क्या होता हैं।
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (एनईटी) एक दुर्लभ तरह का कैंसर होता है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। अधिकांश न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर फेफड़े, अपेन्डिक्स, छोटी आंत, रेक्टम और अग्नाशय में होते हैं। ये बिना कैंसर के हो सकते हैं या घातक भी हो सकते हैं।
तीन स्टेज होती है
- न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर की तीन स्टेज होती है। जिसमें पहली और दूसरी स्टेज तो नॉर्मल होती है, मगर तीसरी स्टेज जानलेवा मानी जाती है।
- ज्यादातर न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर धीमे-धीमे बढ़ते हैं। अक्सर डॉक्टर सर्जरी करके इन्हें निकाल देते हैं या फिर रेडियोथेरपी, कीमोथेरपी आदि के जरिए इन्हें छोटा कर दिया जाता है। लेकिन अगर मरीज तीसरी स्टेज पर पहुंच गया है तो उसका इलाज लगभग असंभव सा हो जाता है।
कारण
- परिवार में अगर इस बीमारी की हिस्ट्री रही हो तो यह बच्चों में होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।
- अगर किसी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर है तो उसे ये बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है।
- जरूरत से ज्यादा धूप में समय बिताने पर भी न्यूरो एंड्रोक्राइन ट्यूमर का खतरा बढ़ सकता है।
- स्मोकिंग और हार्मोंस के असंतुलन की वजह से भी इस बीमारी का खतरा रहता है।
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लक्षण
शुगर बढ़ना, खून में शर्करा की कमी होना, डायरिया, अचानक वजन घटना-बढ़ना, आंतों और ब्लैडर में सूजन, सोते वक्त पसीना आना, सिर दर्द, स्किन पर रैशेज आदि इसके प्रमुख लक्षण होते हैं।
एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स को पैन्क्रिऐटिक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर था। इस बीमारी के खुलासा होने के बाद वह 8 साल तक जिंदा रहें। हालांकि इरफान को यह कैंसर कहां है इस बारे में अभी पता नहीं चला है।
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Source : News Nation Bureau