logo-image

Insomnia: इनसोमनिया कैसे करती है आपके स्वास्थ्य पर असर, जानें इसके लक्षण और उपचार

Insomnia: इनसोमनिया से पीड़ित व्यक्ति की दिनचर्या, कार्यक्षमता और मानसिक स्वास्थ्य पर असर हो सकता है, अपर्याप्त नींद के कारण थका हुआ और चिढ़ाचिढ़ा महसूस करता है. आइए जानें क्या है इसके लक्षण और उपचार

Updated on: 23 Jan 2024, 04:26 PM

नई दिल्ली:

Insomnia: इनसोमनिया एक निद्रा संबंधित विकार है जिसमें व्यक्ति को पर्याप्त नींद प्राप्त नहीं होती और इसके कारण उनकी एफिशिएंसी कम होने लगती है. इस स्थिति में व्यक्ति रात के समय या दिन में सही समय पर सोने में समर्थ नहीं होता है, जिससे उसकी दिनचर्या और जीवनशैली प्रभावित हो सकती है. इनसोमनिया के कुछ लक्षण होते हैं जिसे देखकर आप ये जान सकते हैं कि किसी व्यक्ति को इनसोमनिया हो रहा है. व्यक्ति को नींद ना आने की समस्या होती है, जिससे वह समय पर सो नहीं पाता. व्यक्ति नींद में होता है, लेकिन वह तुरंत जाग जाता है और पुनः सोने में कठिनाई महसूस करता है. व्यक्ति रात्रि में बार-बार जागता है और फिर से सोने की कोशिश करता है, लेकिन सफलता नहीं मिलती. इनसोमनिया से पीड़ित व्यक्ति की दिनचर्या, कार्यक्षमता, और मानसिक स्वास्थ्य पर असर हो सकता है. अपर्याप्त नींद के कारण व्यक्ति थका हुआ और चिढ़चिढ़ा महसूस कर सकता है. इस समस्या के लिए कई कारगर इलाज और उपाय हैं, जैसे कि समय पर सोना, नियमित व्यायाम, नींद के समय सही और सकारात्मक विचारधारा, और मनोबल को सुधारने के लिए मनोबल स्थापना. बॉलीवुड की फिल्म शानदार में इस इनसोमनिया से पीड़ित व्यक्ति को दैनिक जीवन में होने वाली समस्याओं के बारे में दिखाया गया है. आप घर पर कैसे इसका इलाज शुरू कर सकते हैं आइए जानते हैं.

नियमित नींद की आदतें बनाएं: एक नियमित नींद की आदत बनाएं और हर रात एक ही समय पर सोएं और उठें. यह आपकी शरीर की आंतरिक बाजी को सेट कर सकता है और नींद में सुधार कर सकता है.

रिलैक्सेशन तकनीकें अपनाएं: ध्यान, प्राणायाम, योग, या अन्य रिलैक्सेशन तकनीकों का अभ्यास करें जो मानसिक शांति और चिंता को कम कर सकता है.

यह भी पढ़ें: Schizophrenia: सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित लोग क्या वास्तविक जीवन से रहते हैं दूर, जानें इसके लक्षण

नींद के लिए स्वस्थ आदतें: सोने से पहले उपयुक्त और स्वस्थ आदतें बनाएं, जैसे कि गरम दूध पीना, गरम स्नान करना, और धीरे-धीरे छम्बे में चला जाना.

सकारात्मक और पौराणिक विचारधारा: सोने से पहले सकारात्मक और पौराणिक पढ़ाई करना भी शांति और चिंता को दूर कर सकता है.

यह भी पढ़ें: Autism Spectrum Disorder: क्या होता है ऑटिज़्म, जानें क्या हैं इसके लक्षण

खान-पान की आदतें: रात में सोने से ठीक पहले खाना खाने से बचें, इससे इनसोमनिया की समस्या में वृद्धि हो सकती है.

इन सब उपायों के बाद भी यदि इस समस्या का समाधान में कठिनाई हो रही है, तो चिकित्सक से सलाह लेना उचित है.