logo-image
ओडिशा नाव हादसे में मरने वालों की संख्या हुई सात, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी Punjab: संगरूर जेल में धारदार हथियार से हमला, दो कैदियों की मौत और 2 घायल Punjab: कांग्रेस को झटका, तेजिंदर सिंह बिट्टू ने छोड़ी पार्टी, बीजेपी में होंगे शामिल Karnataka: बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन पहले पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव की मौजूदगी में कई कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल कर्नाटक: पुलिस ने कांग्रेस नेता रिजवान अरशद और रणदीप सिंह सुरजेवाला को हिरासत में लिया पंजाब में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका पूर्व सांसद संतोख सिंह चौधरी की पत्नी करमजीत कौर आज दिल्ली में बीजेपी में शामिल हो गईं.

महिलाओं में बांझपन का कारण बन रहा सिगरेट का धुंआ

धूम्रपान का एक्टोपिक गर्भावस्था से संबंध हो सकता है और इसके कारण फैलोपियन ट्यूबों में समस्या आ सकती है.

Updated on: 02 Jun 2019, 10:04 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली स्थित इंदिरा आईवीएफ अस्पताल कि गायनोकोलॉजिस्ट एवं आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. सागरिका अग्रवाल का कहना है कि धूम्रपान महिलाओं में इनफर्टिलिटी की संभावना को 60 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है. धूम्रपान का एक्टोपिक गर्भावस्था से संबंध हो सकता है और इसके कारण फैलोपियन ट्यूबों में समस्या आ सकती है. एक्टोपिक गर्भावस्था में, अंडे गर्भाशय तक नहीं पहुंचते हैं और इसकी बजाय फैलोपियन ट्यूब के अंदर प्रत्यारोपण हो जाते है. इसके कारण गर्भाशय में परिवर्तन आ सकता है जिसके कारण गर्भाशय कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.सिगरेट में मौजूद रसायन अंडाशय के भीतर एंटीऑक्सीडेंट स्तर में असंतुलन पैदा कर सकते हैं.यह असंतुलन निषेचन को प्रभावित कर सकता है और स्पष्ट है कि इसके बाद इम्प्लांटेशन में कमी आ जाएगी.

यह भी पढ़ें- CM नीतीश कुमार आज करेंगे मंत्रिमंडल का विस्तार, 4 नए मंत्री ले सकते हैं शपथ

गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से गर्भस्थ बच्चे को भी नुकसान पहुंच सकता है.यहां तक कि धूम्रपान करने वाली महिलाओं में समय पूर्व प्रसव पीड़ा हो सकती है और स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित बच्चों को जन्म दे सकती हैं. धूम्रपान करने वाली आईवीएफ रोगियों में धूम्रपान नहीं करने वाली महिलाओं की तुलना में गर्भावस्था दर 30 प्रतिशत कम होती है. डॉ. सागरिका अग्रवाल का कहना है कि एक दिन में 5 से अधिक सिगरेट पीने से गर्भधारण करने की क्षमता को काफी नुकसान पहुंच सकता है.

तम्बाकू का असर पुरुष प्रजनन क्षमता पर भी भारी दुष्प्रभाव डालता है.यह रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है.कुछ अध्ययनों में धूम्रपान के प्रभाव का इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और यौन प्रदर्शन में कमी से भी संबंध पाया गया है.तम्बाकू के कारण क्रोमोसोम को भी क्षति पहुंच सकती है और शुक्राणु में डीएनए फ्रैगमेंटेशन हो सकता है.धूम्रपान शुक्राणु को नुकसान पहुंचाते हैं जिसके कारण निषेचन की संभावना कम हो जाती है.धूम्रपान करने वाले लोगों के शुक्राणुओं से विकसित भ्रूण में डीएनए की क्षति के कारण उसके जीवित रहने की संभावना कम होती है.