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भूल जाते हैं हर बात , तो याददाशत बढ़ाये इन 5 तरीकों से

शरीर में पोषण की कमी या किसी चोट या बीमारी की वजह से भी व्‍यक्‍ति की याददाश्‍त कमजोर हो सकती है. हालांकि ये बात घबराने की नहीं है इसको ठीक किया जा सकता है.

Updated on: 29 Nov 2021, 01:31 PM

New Delhi:

आज कल की ज़िन्दगी में महामारी और प्रदूषण का असर लोगों के स्वस्थ के साथ साथ दिमाग पर भी पड़ने लगा है. आज कल की बिजी लाइफ में लोग तनाव में आकर ख़ुशी के दो पल भी बहुत मुश्किल से काट पाते हैं. उम्र बढ़ने पर तो याददाश्‍त कमजोर होती ही है लेकिन कुछ बच्‍चों  को भी आजकल के मोहाल में चीज़ें भूलने लगे हैं. शरीर में पोषण की कमी या किसी चोट या बीमारी की वजह से भी व्‍यक्‍ति की याददाश्‍त कमजोर हो सकती है. हालांकि ये बात घबराने की नहीं है इसको ठीक किया जा सकता है. बस ज़रुरत खाने में कुछ बदलने की है और दिन चर्या बदलने की ज़रूरत है. ये कुछ घरेलू उपाए हैं जिनके चलते आप अपनी या अपने बच्चों की याददाशत बढ़ा सकते हैं. 

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​फिश ऑयल सप्‍लीमेंट

मछली का तेल ओमेगा-3 फैटी एसिड इकोसपेंटेनोइक एसिड (ईपीए) और डोकोसेहैक्‍सेनोइक एसिड (डीएचए) से भरपूर होता है. ये फैट तनाव और एंग्‍जायटी को कम करने में मदद करते हैं. ये सप्लीमेंट घर में बुजुर्ग , बच्चे या अब्दे किसी भी उम्र के लोगों की याददाशत बढ़ने में मदद करता है. 

सेब 

में क्‍यूरसेटिन नामक एंटीऑक्‍सीडेंट होता है जो यादाशत को बेहतर बनता है. सेब पार्किंसन और अल्‍जाइमर जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने की शक्‍ति रखता है.

याददाश्‍त बढ़ाने के लिए ब्राह्मी सबसे बेहतरीन जड़ी बूटियों में से एक है. इसमें बैकोसाइड और सिटग्‍मास्‍टेरोल जैसे कई बायोएक्टिव तरह की चीज़ें मौजूद हैं जो न सिर्फ याददाश्‍त में सुधार लाते हैं बल्कि दिमाग को शांत और तेज़ बनाते हैं. 

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हल्दी 

हल्दी में करक्‍यूमिन नामक तत्‍व होता है जो कि शरीर में एंटी-इंफ्लामेट्री प्रभाव देता है. हल्दी का दूध दिमाग को शांत और याददाशत तेज करता है और शरीर में कहीं भी दर्द या सूजन हो उससे कम करता है. 

अच्छी नींद लेना है जरूरी 

याददाश्‍त बढ़ाने और मानसिक रूप से स्‍वस्‍थ रहने के लिए नींद भी बहुत जरूरी होती है. रोज़ 6 से 8 घंटे की नींद लेना बहुत ज़रूरी है. 

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