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इम्यूनिटी सप्लीमेंट है हल्दी वाला दूध, कोरोना के चलते बढ़ी डिमांड( Photo Credit : File Photo)
हल्दी वाले दूध (Turmeric Milk) को औषधि माना जाता है और यह कई बीमारियों के इलाज में कारगर होता है. कोरोना वायरस के काल में भी हल्दी वाले दूध को जबर्दस्त इम्युनिटी बूस्टर माना जा रहा है. कोरोना के काल में लोगों का रुझान वनस्पति औषिधियों की तरफ देखा जा सकता है. ऐसे में कई कंपनियां इस मौके को भुना भी रही हैं. कई कंपनियों ने हल्दी वाले दूध को पैक करके बाजार में उतार रही हैं. भारत में कोरोना के 80 लाख से अधिक मामले हो चुके हैं और दिल्ली में कोरोना ने फिर से पैर पसारने शुरू कर दिए हैं.
उधर, वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है कि कोरोना वायरस के खिलाफ आयुर्वेद कारगर हो सकता है. जानकार बता रहे हैं कि कोरोना के खिलाफ कोई वैक्सीन या मेडिसिन न होने के कारण लोगों का रुझान प्राकृतिक उपचार की ओर बढ़ा है.
आयुर्वेद को लेकर लोगों का विश्वास इसलिए बहाल हुआ है, क्योंकि इससे पहले प्लेग, चेचक और कई अन्य महामारियों से निपटने में इसकी महती भूमिका रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आयुर्वेद को प्रोत्साहित करने के लिए अलग से आयुष मंत्रालय बनाया है. आयुष मंत्रालय (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी) ने कोरोना से मुकाबले के लिए पारंपरिक उपचारों की पैरवी की थी.
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी हल्के कोविड-19 पीड़ितों के इलाज के लिए आयुर्वेद और योग अपनाने को लेकर गाइडलाइंस जारी किए थे. आजकल केमिस्ट की दुकानों पर भी आयुर्वेदिक उत्पादों को प्रमुखता दी जा रही है और लोगों में भी इसे लेकर रुझान बढ़ा है. हाल ही में मदर डेयरी की ओर से कहा गया था कि बच्चों के लिए हल्दी वाले दूध की मांग बढ़ी है. इसलिए इसके उप्तादन में और बढ़ोतरी की जा रही है.
Source : News Nation Bureau