अब पहले ही पता चल सकेगा, किस वक्त बढ़ने वाला है कोविड संक्रमण का खतरा
आईआईटी कानपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर राजेश रंजन और महेंद्र वर्मा ने मिलकर एक ऐसी वेबसाइट तैयार की है, जिस पर मौसम की तरह ही पहले से ही कोविड-19 बढ़ने खतरे की सूचना पता चल जाएगी.
कानपुर:
कोरोना वायरस से जुड़ी एक और अच्छी खबर सामने आई है. अब पहले से ही पता चल जाएगा कि किस वक्त कोविड संक्रमण बढ़ने का खतरा है. जिसके बाद सावधानी बरत के खतरे को टाला जा सकता है. आईआईटी कानपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर राजेश रंजन और महेंद्र वर्मा ने मिलकर एक ऐसी वेबसाइट तैयार की है, जिस पर मौसम की तरह ही पहले से ही कोविड-19 बढ़ने खतरे की सूचना पता चल जाएगी. वेबसाइट में किस राज्य के किस जिले में कोविड के संक्रमण का स्तर क्या है, यह सब दिया गया है.
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यानी अब आप वेबसाइट के माध्यम से पता कर सकते हैं कि किस जिले में संक्रमण की स्थिति क्या है. रिकवरी रेट क्या है. डॉ राजेश रंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि वेबसाइट पर अभी तक जितने भी पूर्वानुमान किए गए, सब सही निकले हैं. वहीं उत्तर प्रदेश की बात करें तो वह अपने पीक से होकर लौट चुका है और अब स्थिति काफी बेहतर हो चुकी है. वहीं उन्होंने अंदेशा भी लगाया है कि पूर्वोत्तर राज्यों में अभी भी संक्रमण का खतरा अधिक है.
इससे पहले हाल ही में आईआईटी कानपुर ने एक ऐसा एयर प्यूरीफायर बनाया, जिससे कोरोना और ब्लैक फंगस के पास न आने का दावा किया गया. आईआईटी कानपुर ने कहा कि उसके यहां बनाए गए नए एयर प्यूरीफायर से किसी भी बैक्टीरिया और वायरस से बचा जा सकता है. संस्थान ने दावा किया कि उसके वैज्ञानिकों ने आईआईटी बांबे के साथ मिलकर दुनिया का पहला एंटीमाइक्रोबियल एयर प्यूरीफायर तैयार किया. इस प्यूरीफायर को बनाने वाली संस्थान की इनक्यूबेटर एअर्थ का दावा है कि कोरोना और ब्लैक फंगस को मारने में ये एयर प्यूरीफायर पूरी तरह सक्षम है.
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बता दें कि कुछ वैज्ञानिकों ने हाल ही में दावा किया था कि कोरोना वायरस और ब्लैक फंगस के वायरस एयरोसोल यानी हवा में भी हो सकते हैं, जिसके बाद चिंताएं और बढ़ गई थीं. लेकिन आईआईटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये प्यूरीफायर ऐसे वायरस और वैक्टीरियास को हवा में ही डीएक्टिवेट कर देता है और आप पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं. ये एंटीमाइक्रोबियल एयर प्यूरीफायर रियल टाइम मॉनिटरिंग करता है. यानी अगर किसी भी माध्यम से कोई बैक्टेरिया या वायरस हवा में मिलता है तो उसे कुछ ही समय में निष्क्रिय कर देता है, जिससे संक्रमण का खतरा बिल्कुल नहीं रहता.
आईआईटी के वैज्ञानिकों का दावा है कि इसे जहां लगाया जाता है, वहां के आसपास के 600 वर्ग फिट क्षेत्रफल में बैक्टरिया और वायरस मुक्त हवा रखता है. ये एयर प्यूरीफायर 100 प्रतिशत ओजोन फ्री भी है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है. इससे अस्पताल में मरीज के रहते हुए भी हवा शुद्ध की जा सकती है. गौरतलब है कि देश का जाना-माना संस्थान आईआईटी कानपुर लगातार कोरोना काल में अपने नए नए प्रयोग करके इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में बड़ी भूमिका निभा रहा है.
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