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अगर आपका बच्चा भी सोते वक़्त टपकाता है लार, तो यहां जानें वजह और उपाए

जानकारों के मुताबिक अगर किसी प्रेग्नेंट लेडी की प्रेगनेंसी के दौरान खाने की कोई भी इच्छा रह जाती है तो उसके बच्चे की लार टपकती (Drooling) है.

Updated on: 26 Apr 2022, 03:52 PM

New Delhi:

अक्सर अपने देखा होगा की किसी-किसी बच्चे की सोते वक़्त बहुत ज्यादा लार टपकती है. बार बार उनका मुंह साफ़ करना पड़ता है. जानकारों के मुताबिक अगर किसी प्रेग्नेंट लेडी की प्रेगनेंसी के दौरान खाने की कोई भी इच्छा रह जाती है तो उसके बच्चे की लार टपकती (Drooling) है. हालांकि ऐसी बता हिंदुस्तान में कही जाती है.  इसके पीछे की असल वजह कुछ और ही है. छोटे बच्चों के मुंह से लार गिरना एक आम बता है. 3 से 4 महीने के बच्चों के अंदर ये बात देखी जाती है. हल्के इसमें कोई बुरी बता भी नहीं है. लेकिन ये समस्या ज्यादा बढे तो तुरंत आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं. 

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बच्चों में लार गिराने के कारण
बच्चों के मुंह से सलाइवा या लार टपकाने का कारण है उनके मुंह में दांतों का आना, मसूड़ों का टाइट होना, लार ग्रंथि का विकसित होना. इन सबके अलावा बच्चों को निगलना नहीं आता जिसकी वजह से वे लार टपकाते हैं. 

लार गिरने से कैसे रोकें 
अगर आपका बचा भी सोते वक़्त या बैठे वक़्त लार टपकाता है तो इसे रोकने के लिए आप उसके कपड़ों से रूमाल अटैच कर सकते हैं. जब बच्चा बातों को समझने लगे तब आप उसे समझा सकते हैं कि लार नहीं टपकानी चाहिए. बच्चों को प्यार से समझाएं और एक मुलायम रुमाल जरूर से उनके साथ रखें. 

डॉक्टर से संपर्क करें
बच्चों के दांत आने की उम्र 8 से 9 महीने के बीच होती है लेकिन बच्चा 3 महीने से लार गिराना चालू कर देता है. यदि आपका बच्चा 2 साल का होने के बाद भी लार गिराना बंद नहीं कर रहा है तो आप अपने नज़दीकी डॉक्टर से तुरंत संपर्क कर सकते हैं. 

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