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अपने बच्चे को पिलाती हैं इस तरह की बोतल में दूध, तो हो सकता है खतरा

आप अपने बच्चो की हेल्थ से जुड़ी हर एक बता का ध्यान रखती होंगी. तो क्यों न इस बार उनकी दूध और पानी पीने की बॉटल्स पर भी ध्यान दिया जाए.

Updated on: 15 Mar 2022, 01:27 PM

highlights

  • एक से बढ़ कर एक प्लास्टिक की बॉटल्स आई हैं
  • प्लास्टिक के बोतल से बच्चों को दूध पिलाना नुकसानदायक
  • ये बात रिसर्च में सामने आई है

New Delhi:

अक्सर बच्चों को दूध पिलाने के लिए बाजार में एक से बढ़ कर एक प्लास्टिक की बॉटल्स आई हैं. हमेशा आप भी अपने शिशु को प्लास्टिक के बोतल में दूध या फिर पानी पिलाते होंगी. ये जानना आपके लिए बहुत जरूरी है कि प्लास्टिक के बोतल से बच्चों को दूध पिलाना नुकसानदायक हो सकता है. जानकारों के मुताबिक ये बात रिसर्च में सामने आई है कि बच्चो को प्लास्टिक की बॉटल्स में दूध पिलाना खतरनाक साबित हो सकता है.  हालांकि आप अपने बच्चो की हेल्थ से जुड़ी हर एक बता का ध्यान रखती होंगी. तो क्यों न इस बार उनकी दूध और पानी पीने की बॉटल्स पर भी ध्यान दिया जाए.  

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प्लास्टिक की बॉटल्स में एक खास किस्म का केमिकल बिस्फेनॉल-ए बच्चों की दूध के बोतल में किए रिसर्च के दौरान पाया गया. जो आगे चलकर बच्चों में अलग-अलग तरह की बीमारियों को बढ़ावा देता है. तो आइये जानते हैं कि प्लास्टिक की बॉटल्स में पीया गया दूध या पानी कैसे खतरनाक हो सकता है. 

बच्चे के गले में हो सकती है सूजन- बोतल से लगातार दूध पिलाने से बच्चे के गले में सूजन आ जाती है. उससे उल्टी कब्ज़ भी हो सकते हैं. तो हमेशा मेडिकेडेट बोतल का इस्तेमाल करें. 

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नकली बोतलों से रहें सावधान- सस्ती और घटिया कंपनी वाली बोतलों को भी केमिकल की कोटिंग करके उन्हें मुलायम रखती है. साथ ही बोतल लंबे समय तक खराब नहीं होती है. जब बोतल में गर्म दूध या पानी डालकर बच्चे को पिलाया जाता है. तो यह मिक्सचर भी घुलकर बच्चे के शरीर में चला जाता है और शरीर में जाने के बाद इस रसायन से पेट और आंतों तक पहुंच कर उनके शरीर को नुक्सान पहुंचाता है. यही नहीं काफी दिनों तक दूध के सहारे शरीर में रसायन पहुंचने के कारण ह्रदय, गुर्दे, लिवर और हार्ट की बीमारी भी हो सकती है.