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कोरोना पॉजिटिव होने पर लक्षण न दिखे तो सरकार की इन गाइडलाइंस का करें पालन

देशभर में एक बार फिर कोरोना के मामले (Corona Case) तेजी बढ़ रहे हैं. इस बीच केंद्र ने कोविड-19 (Covid-19) के लक्षण विहीन और हल्के-फुल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की समयसीमा कम कर दी है.

Updated on: 06 Jan 2022, 10:30 PM

नई दिल्ली:

देशभर में एक बार फिर कोरोना के मामले (Corona Case) तेजी बढ़ रहे हैं. इस बीच केंद्र ने कोविड-19 (Covid-19) के लक्षण विहीन और हल्के-फुल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की समयसीमा कम कर दी है. जहां कोरोना वायरस की पहली लहर और दूसरी लहर में यह अवधि 14 दिन की थी तो वहीं अब सिर्फ 7 दिन की होम आइसोलेशन की जरूरत है. उत्तर प्रदेश में भी होम आइसोलेशन की ये गाइडलाइंस लागू होगी. 

संशोधित गाइडलाइन के मुताबिक, बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीजों को 7 दिन आइसोलेट रहना काफी होगा. अगर 7 दिन तक आइसोलेशन में रहने के बाद बुखार नहीं है तो इन मरीजों को फिर से कोरोना जांच कराने की  जरूरत नहीं पड़ेगी. 

ये हैं लक्षणविहीन मरीज

नए दिशानिर्देशों के अनुसार, उन मरीजों को लक्षण विहीन माना गया है जिनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है, लेकिन उनमें खांसी और बुखार के लक्षण नहीं हैं और उनका ऑक्सीजन लेवल 93 से कम नहीं है. माइल्ड या हल्के लक्षण वाले मरीज वो हैं जिनको सर्दी और गले में खराश और बुखार के लक्षण हों, लेकिन ऑक्सीजन लेवल 93 से कम न हो. गाइडलाइंस के मुताबिक, आपका होम आइसोलेशन सात दिन का है तो आपको आखिरी के तीन दिन बुखार नहीं होना चाहिए. अन्यथा आइसोलेशन की अवधि बढ़ाई जा सकती है. 

जानें होम आइसोलेशन में क्या करना है और क्या नहीं

इस बार कोरोना संक्रमण की खास बात ये है कि जांच में पॉजिटिव आने के बाद भी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है, क्योंकि लोग घर में ही आइसोलेट हो रहे हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि होम आइसोलेशन में Do’s and Don’ts का ध्यान रखना जरूरी है.