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बीपी और शूगर से हैं परेशान तो आप आज से ही पीए जीरा और मेथी का पानी, खुद ही समझ जाएंगे फर्क

विशेषज्ञ और डॉक्टर शुगर और बीपी के मरीजों को शारीरिक रूप से सक्रिय रहने और स्वस्थ आहार लेने की सलाह देते हैं. 

Updated on: 19 Feb 2024, 08:23 PM

नई दिल्ली:

उच्च रक्तचाप और उच्च रक्त शर्करा स्तर दोनों को मूक हत्यारा माना जाता है। इन दोनों ही स्वास्थ्य स्थितियों में लक्षणों का पता देर से चलता है और जब तक पता चलता है तब तक स्थिति गंभीर हो चुकी होती है। यही कारण है कि डॉक्टर लक्षणों पर ध्यान देने और परीक्षण कराने की सलाह देते हैं। आपका आहार तय करता है कि आप बीपी और शुगर को कैसे प्रबंधित कर सकते हैं। विशेषज्ञ और डॉक्टर शुगर और बीपी के मरीजों को शारीरिक रूप से सक्रिय रहने और स्वस्थ आहार लेने की सलाह देते हैं. 

जीरा और मेथी के पानी पीने के क्या है लाभ

जीरा (cumin) और मेथी (fenugreek) के पानी को पीने के कई स्वास्थ्यलाभ हो सकते हैं:

आयुर्वेदिक औषधीय गुण: जीरा और मेथी में आयुर्वेदिक औषधीय गुण होते हैं जो आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं।

डाइजेस्टिव हेल्थ: जीरा और मेथी पाचन को सुधारने में मदद कर सकते हैं, जिससे आपका पाचन सिस्टम स्वस्थ रहता है और आप भोजन को अच्छी तरह से पचा सकते हैं।

वजन नियंत्रण: मेथी का पानी वजन नियंत्रण में मदद कर सकता है क्योंकि इसमें विटामिन्स, मिनरल्स, और फाइबर होता है जो संतुलित वजन की रक्षा करने में सहारा कर सकता है।

डायबिटीज कंट्रोल: मेथी का प्रयोग ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जिससे डायबिटीज के प्रबंधन में सहारा मिलता है।

उच्च रक्तचाप कंट्रोल: जीरा में पाए जाने वाले थायमोल और पैराक्रीन रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

मूत्रसाधक स्वास्थ्य: जीरा और मेथी का सेवन मूत्रसाधक स्वास्थ्य को सुधार सकता है और मूत्र संबंधित समस्याओं को कम कर सकता है।

कुपोषण: मेथी में उपस्थित अनेक पोषणतत्वों के कारण इसका सेवन कुपोषण को दूर करने में मदद कर सकता है।

ध्यान दें कि इन लाभों के लिए जीरा और मेथी का सेवन संतुलित और मानवता के लिए सुरक्षित मात्रा में किया जाना चाहिए। किसी भी नए सुप्लीमेंट का सेवन करने से पहले, विशेषकर यदि आप किसी चिकित्सकीय स्थिति में हैं, सलाह लें।

उच्च रक्तचाप और उच्च रक्त शर्करा स्तर दोनों को मूक हत्यारा माना जाता है। इन दोनों ही स्वास्थ्य स्थितियों में लक्षणों का पता देर से चलता है और जब तक पता चलता है तब तक स्थिति गंभीर हो चुकी होती है। यही कारण है कि डॉक्टर लक्षणों पर ध्यान देने और परीक्षण कराने की सलाह देते हैं। आपका आहार तय करता है कि आप बीपी और शुगर को कैसे प्रबंधित कर सकते हैं। विशेषज्ञ और डॉक्टर शुगर और बीपी के मरीजों को शारीरिक रूप से सक्रिय रहने और स्वस्थ आहार लेने की सलाह देते हैं.