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सावधान: ब्लड क्लॉट की समस्या को नज़रअंदाज़ करना पड़ सकता है भारी.

ब्लड क्लॉट या खून का थक्का जमने के कई संकेत और लक्षण होते हैं. उनका पता लगाना जरूरी होता है क्योंकि ब्लड क्लॉट्स से डीप वेन थ्रोम्बोसिस हो सकता है. ब्लड क्लॉट का अगर समय पर पता या इलाज न कराया जाए तो काफी खतरनाक परिणाम भी हो सकता है.

Updated on: 11 Oct 2021, 05:06 PM

New Delhi:

ब्लड क्लॉट या खून का थक्का जमने के कई संकेत और लक्षण होते हैं. ब्लड क्लॉट होना कोई मामूली बात नहीं उनका पता लगाना जरूरी होता है क्योंकि ब्लड क्लॉट्स से डीप वेन थ्रोम्बोसिस हो सकता है. ब्लड क्लॉट का अगर समय पर पता या इलाज न कराया जाए तो काफी खतरनाक परिणाम भी हो सकता है. डीप वेन थ्रोम्बोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गहरी नसों में खून का थक्का बन जाता है. ये बीमारी आम तौर पर पैर के निचले हिस्से और जांघों में होती है. डीप वेन थ्रोम्बोसिस होने पर पैरों में सूजन की समस्या भी हो जाती है और दर्द बढ़ जाता है. इन स्थितियों को आपको हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि ये खतरनाक हो सकता है. धमनियों में बननेवाले खून के थक्कों को आर्टेरियल क्लॉट कहते हैं.

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दिमाग में होनेवाला आर्टेरियल क्लॉट स्ट्रोक कहलाता है. क्लॉट्स दिल की धमनियों में भी बन सकते हैं, जिससे दिल का दौरा आता है. पांव या बाजू में ब्लड क्लॉट के कई 
लक्षण होते हैं. जैसे सूजन, दर्द और स्किन का बदरंग हो जाना डॉक्टरों का कहना है कि अगर आप इन संकेतों और लक्षणों को पहचान लेते हैं, तो आप खुद की या अपने किसी परिचित की जिंदगी को बचा सकते हैं. लक्षण या संकेत दिखने पर फौरन अपने डॉक्टर को सूचित करें. यह समस्या ज्यादा तर 65 साल पर ही देखी जाती है. 

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कभी-कभी नस में ब्लड क्लॉट हो सकता है. बिना किसी स्पष्ट रिस्क फैक्टर के. अगर आप प्रेगनेंट हैं या आपकी डिलीवरी हुई है, तो रिस्क ज्यादा हो जाता है. उसी 
तरह, अगर आपको रूमेटाइड गठिया है, तो ये क्लॉट्स के जोखिम को बढ़ा सकता है. जोखिम को कम करने के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं. डिहाइड्रेशन से 
बचने के लिए पर्याप्त पानी पीना चाहिए क्योंकि आपको डिहाइड्रेशन की स्थिति में क्लॉट होने की अधिक संभावना होती है..