हैदराबाद के नंपली एक्जिबिशन ग्राउंड्स में अस्थमा के इलाज के लिए मुफ्त 'मछली प्रसादम' को ग्रहण करने शुक्रवार सुबह से ही लाइन लग गई थी। बता दें कि यहां बाधिनी गौड़ परिवार कई वर्षों से अस्थमा की दवाई पीड़ितों को बांट रहा है।
जानकारी के अनुसार यह परिवार हर्बल पेस्ट से भरी 3 सेंटीमीटर लंबी जिंदा मुरल मछली को अस्थमा के मरीजों के मुंह में डालता है, जिससे उन्हें इस बीमारी से छुटकारा मिल जाता है। माना जाता है कि 3 साल तक लगातार इस प्रसाद का सेवन करने से अस्थमा और सांस संबंधी सभी बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है।
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परिवार ने बताया कि इस साल 35,000 लोगों को मछली प्रसादम बांटा गया। उन्होंने बताया कि एक लाख मछली के बच्चों की सप्लाई की व्यवस्था की गई है। इस दवाई का राज गौड़ परिवार तक ही सीमित है। इसके बारे में उन्हें किसी संत ने बताया था।
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वैसे तो इस प्रसाद को लेकर काफी विवाद है। पर इस चमत्कारी दवा को लेने के लिए सुबह 8 बजे से ही देश-विदेश से आए हजारों लोगों की भीड़ जमा थी। भीड़ से निपटने के लिए पुलिस की तरफ से इंतजाम किए गए थे।
इस प्रसाद के वितरण का आयोजन साल में एक बार होता है। जानकारी के अनुसार बाधिनी गौड़ परिवार करीब 170 सालों से इस अनूठे उपचार शिविर का आयोजन करता है। यह आयोजन मानसून की शुरुआत में जून में हर साल मृगसिरा कार्ती की रात में होता है।
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Source : News Nation Bureau