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Sedentary Lifestyle: आसीन जीवन शैली क्या है, जाने ये कैसे है नुकसानदायक

Sedentary Lifestyle: आसीन जीवनशैली एक ऐसी जीवनशैली है जो शांत, निर्मल और अधिक आत्मचिंतन केंद्रित होती है. इस जीवनशैली में व्यक्ति अपने जीवन को सिम्पल और शांतिपूर्ण बनाने के लिए प्रयासरत रहता है.असान जीवनशैली में ध्यान और मेधावी कार्रवाई की महत्वपूर्ण

Updated on: 04 Mar 2024, 01:32 PM

नई दिल्ली:

Sedentary Lifestyle: आसीन जीवनशैली एक ऐसी जीवनशैली है जो शांत, निर्मल और अधिक आत्मचिंतन केंद्रित होती है. इस जीवनशैली में व्यक्ति अपने जीवन को सिम्पल और शांतिपूर्ण बनाने के लिए प्रयासरत रहता है. आसीन जीवनशैली का महत्व यह है कि यह व्यक्ति को स्थिरता, सामंजस्य और संतुलन की ओर ले जाती है. व्यक्ति अपने दिनचर्या को आसानी से संचालित कर सकता है और अपने जीवन में अधिक सुख और संतोष प्राप्त कर सकता है. आसीन जीवनशैली में ध्यान और मेधावी कार्रवाई की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. यह व्यक्ति को अपने मानसिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में मदद करता है और उसे चिंता, तनाव और अधिक दुख से दूर रखने में सहायक होता है. आसीन जीवनशैली का अनुसरण करने से व्यक्ति को समृद्धि, संतोष और आनंद की अधिक अनुभूति होती है, जो उसे एक स्थिर और प्रसन्न जीवन जीने में मदद करता है.

स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं:

मोटापा: आसीन जीवन शैली से मोटापे का खतरा बढ़ जाता है. मोटापे से मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.

हृदय रोग: आसीन जीवन शैली से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. यह रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है, और हृदय गति रुकने और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है.

मधुमेह: आसीन जीवन शैली से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है. यह शरीर में इंसुलिन के प्रतिरोध को बढ़ा सकता है, जिससे मधुमेह हो सकता है.

कैंसर: आसीन जीवन शैली से कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, जैसे कि स्तन कैंसर, पेट का कैंसर, और कोलोरेक्टल कैंसर.

मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: आसीन जीवन शैली से अवसाद, चिंता, और तनाव जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.

हड्डियों और मांसपेशियों की समस्याएं: आसीन जीवन शैली से हड्डियों और मांसपेशियों की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि ऑस्टियोपोरोसिस और मांसपेशियों की कमजोरी.

उत्पादकता में कमी: आसीन जीवन शैली से ऊर्जा का स्तर कम हो सकता है और एकाग्रता में कमी आ सकती है, जिससे कार्यस्थल में उत्पादकता कम हो सकती है.

सामाजिक जीवन पर प्रभाव: आसीन जीवन शैली से सामाजिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. यह लोगों को घर पर रहने और सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने से कम प्रेरित कर सकता है.

आसीन जीवन शैली के नुकसानों को कम करने के लिए कुछ उपाय: नियमित रूप से व्यायाम करें, प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करने का लक्ष्य रखें. व्यायाम करने से मोटापे, हृदय रोग, मधुमेह, और कैंसर जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा कम हो सकता है. बैठने के समय को कम करें. दिन भर में बैठने के समय को कम करने का प्रयास करें. हर घंटे कम से कम 5 मिनट के लिए उठें और घूमें. खड़े होकर काम करें अगर संभव हो तो, खड़े होकर काम करने का प्रयास करें. खड़े होकर काम करने से बैठने की तुलना में अधिक कैलोरी बर्न होती है. दिन भर में सक्रिय रहने का प्रयास करें. सीढ़ियों का उपयोग करें, लिफ्ट के बजाय; पैदल चलें, गाड़ी चलाने के बजाय; और घर के कामों में सक्रिय रूप से भाग लें. आसीन जीवन शैली के नुकसानों को समझना और उन्हें कम करने के लिए कदम उठाना महत्वपूर्ण है.