कोरोना की तीसरी लहर का बच्चों पर रहेगा कितना असर? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से तबाही मची है, जो अभी भी जारी है. मगर इसके बीच तीसरी लहर की भविष्यवाणी से लोगों में डर और बढ़ गया है.
highlights
- कोरोना की तीसरी लहर की खौफ
- तीसरी लहर में भी सुरक्षित रहेंगे बच्चे!
- ज्यादा असर होने की आशंका नहीं
नई दिल्ली:
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से तबाही मची है, जो अभी भी जारी है. मगर इसके बीच तीसरी लहर की भविष्यवाणी से लोगों में डर और बढ़ गया है. तीसरी लहर को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं, हालांकि अभी तक इसको लेकर कोई पुख्ता तथ्य नहीं हैं. पिछले दिनों काफी जोर शोर से ये बात उठी कि कोविड की तीसरी लहर में बच्चों पर उसका कहर सबसे ज्यादा हो सकता है. संभावनाएं ऐसी हैं कि पहली लहर ने बुजुर्गों को अपना निशाना बनाया, दूसरी लहर में युवा वर्ग निशाने पर रहा और तीसरी लहर में शायद संक्रमण बच्चों को अपना शिकार बना सकता है. हालांकि इस बारे में सकारात्मक जानकारी सामने आई है.
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तीसरी लहर बच्चों के लिए कैसी?
कई जानकार कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने पर बच्चों के संक्रमित होने की आशंका जता चुके हैं. हालांकि देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना कुछ अलग है. रणदीप गुलेरिया कहते हैं कि इसका कोई सुबूत नहीं है. उन्होंने कहा कि हमने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में देखा कि बच्चों में संक्रमण बहुत कम देखा गया है. इसलिए अब तक ऐसा नहीं लगता है कि आगे जाकर कोविड की तीसरी लहर में बच्चों में कोविड संक्रमण देखा जाएगा.
बच्चों को पहले से कोई बीमारी तो खतरा
डॉ रणदीप गुलेरिया कहते हैं कि बच्चों पर अगली वेव में ज्यादा असर होगा, ये ये कहना सही नहीं होगा. एम्स डायरेक्टर का मानना है कि जब बच्चे आपस में मिलेंगे, स्कूल खुलेंगे तो खतरा हो सकता है. उनका कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में भी वे बच्चे ही अस्पतालों में एडमिट हुए हैं, जिन्हें पहले से कोई परेशानी रही. जो बच्चे स्वस्थ हैं, उनमें बहुत कम केस दिखे हैं. डॉक्टर गुलेरिया की मानें तो मानव कोशिकाओं के जिन 'एस रिसेप्टर' से वायरस फैलने के लिए खुद को जोड़ता है, वे बड़ों के मुकाबले बच्चों में अपेक्षाकृत कम होते हैं. यही वजह है कि बच्चों के गंभीर रूप से संक्रमित होने की आशंका कम है.
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तीसरी लहर को लेकर लोग आशंकाएं ना पालें
उधर, स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल का भी कहना है कि कोविड की तीसरी लहर को लेकर लोग आशंकाएं ना पालें. वे कहते हैं कि इसको लेकर लगातार शोध और अनुसंधान किए जा रहे हैं. साथ में दुनिया के कई देशों के साथ डाटा और अनुभव साझा किए जा रहे हैं. उनका कहना है कि फिलहाल सतर्क जरूर रहें, लेकिन चिंता ना पालें. उन्होंने बताया कि पिछले 22 दिनों से देश में सक्रिय मामलों की संख्या में कमी देखी जा रही है. 3 मई के समय देश में 17.13% सक्रिय मामलों की संख्या थी अब यह घटकर 10.17% रह गई है. पिछले 2 हफ्तों में सक्रिय मामलों की संख्या में करीब 10 लाख की कमी देखी गई है.
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