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Health Tips: प्रदूषण से लड़ने के लिए इन 5 जड़ी-बूटियों का करें सेवन

जड़ी बूटियों का संयोजन औद्योगिक प्रदूषण के रासायनिक तनाव में मदद करता है. इनके एंटी-बैक्टीरियल गुण पर्यावरण पर वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने में भी मदद करते हैं. 

Updated on: 12 Nov 2021, 12:42 PM

नई दिल्ली :

दिल्ली(Delhi) और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग जहरीली हवा से ढ़के फेफड़ों (lungs) के साथ-साथ आम तौर पर दिन-प्रतिदिन के जीवन को भयानक बोझ के नीचे जी रहे हैं. आज के समय में प्रदुषण के कारण स्वस्थ व्यक्ति भी अस्वस्थ हो जा रहा है. प्रदुषण से बचने के लिए लोग तमाम तरीके अपना रहे हैं. खतरनाक बाहरी हवा के संपर्क को सीमित करने और घरेलू Air Purifier र लगाने के अलावा, कुछ ayurvedic घरेलु उपचार हैं जिनसे आप अपने शरीर को air pollution  के खतरों से बचा सकते हैं.

तुलसी और गिलोय  (Tulsi and Giloy)

Tulsi और Giloy का एक साथ सेवन करने से बहुत लाभ मिलता है. यह फोर्टिफाइंग कॉम्बिनेशन एक प्रभावी एंटी-एलर्जेन है जो वायु प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है. तुलसी न केवल हमारे श्वसन तंत्र की रक्षा करती है बल्कि इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण पर्यावरण पर वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने में भी मदद करते हैं. 

इन दो जड़ी बूटियों का एक संयोजन औद्योगिक प्रदूषण के रासायनिक तनाव में मदद करता है. इस जूस का एक शॉट दिन में दो बार पिने से इम्युनिटी बढ़ाने और समग्र स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है. नियमित रूप से गिलोय के जूस का सेवन करने से हमारा शरीर मजबूत होता है और हमें बीमारियों से लड़ने की ताकत प्रदान करता है. अगर आप भी गिलोय के फायदे उठाना चाहते है तो गिलोय के जूस में तुलसी का अर्क मिलाकर पिए इससे आपके फेफड़े में मजबूती आएगी. 

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आमला (Amla)

आंवला में मौजूद Vitamin C एक शक्तिशाली anti oxidant है. जो वायु प्रदूषकों के लिए फायदेमंद साबित होता है.  विटामिन सी न केवल खतरनाक वातावरण से आवश्यक ढाल प्रदान करता है, बल्कि यह हमारे रक्त प्रवाह में विटामिन ई के स्तर को पुन: उत्पन्न करने में भी मदद करता है. आंवला स्वाभाविक रूप से प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करता है. पके, सुनहरे पीले आंवले सामान्य रूप से उपयोग किए जाने वाले कच्चे, हरे आंवले की तुलना में अधिक पौष्टिक और विटामिन से भरपूर होते हैं. 

एलोवेरा और हल्दी (Aloe-vera and Turmeric)

हल्दी का उपयोग शुरू से ही लगभग हर स्वास्थ्य बीमारी के लिए एक सर्वांगीण टॉनिक के रूप में किया जाता रहा है, चाहे वह खुले घाव हों या सामान्य सर्दी.  यह सभी प्रदूषण संबंधी खतरों से निपटने के लिए अच्छा है. हल्दी प्रदूषित हवा में सांस लेने के विषाक्त प्रभावों को दूर करने में मदद करती है. इस प्रदूषित वातावरण में हल्दी के मिश्रण के साथ एक अन्य जड़ी बूटी जैसे एलोवेरा का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है. 

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हल्दी और एलोवेरा का मिश्रण, सुबह के समय पिने से शरीर में मौजूदा हानिकारक प्रभावों को बेअसर करने में मदद करता है और साथ ही आपका वजन भी कम करता है. आपको बता दें कि जहां एलोवेरा चेहरे को साफ करके त्वचा में चमक लाता है वहीं हल्दी भी चेहरे को गोरा बनाने में सहायक होती है. इन दोनों का  मिश्रण देगा आपके चेहरे की खूबसूरती को भी बढ़ाता है.