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inflammation( Photo Credit : news nation)
दोस्ती एक हद तक ठीक है! दरअसल आजकल का ये दौर फास्ट फॉरवर्ड का है. यहां किसी के पास किसी के लिए वक्त नहीं. हमारी दोस्ती-दुश्मनी-परिवार-प्यार सबकुछ फोन तक सीमित है, यानि फोन ही हमारी सोशल लाइफ है. ऐसे में अब इस सोशल लाइफ का मतलब सोशल मीडिया बनता जा रहा है. यानि हर दिन के साथ हमारा सोशल मीडिया से जुड़ाव पहले की तुलना में कई गुना तक बढ़ता जा रहा है, जिसके कई सारे नुकसान हैं...
संभव है कि इससे पहले भी आप कई बार मोबाइल-सोशल मीडिया-इंटरनेट से जुड़े तमाम नफा नुकसान पढ़-सुन चुके होंगे, मगर आज इस आर्टिकल में जो आपको मालूम चलेगा, वो आपने शायद ही पहले कभी सुना हो. दरअसल बढ़ते सोशल मीडिया यूजर्स के साथ एक खास तरह की मेडिकल कंडीशन विकसित हो रही है, जिसे कहा जाता है इन्फ्लेमेशन... ये क्या है, क्यों है और कितनी खतरनाक है? चलिए जानते हैं...
जब अकेला हो जाता है...
दरअसल सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल आपकी सेहत को इन्फ्लेमेशन की गर्द में डाल सकता है, जो तमाम तरह की गंभीर बीमारियों की मूल वजह बन सकती है. असल में जब कोई इंसान बीमारी या फिर किसी तरह की कोई और परेशानी में खुद को अकेला पाता है, तो वो सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताने लगता है, जो आगे चलकर इन्फ्लेमेशन का कारण बनती हैं.
यूं बदतर होती जाती है हालाता...
धीरे-धीरे जब इन्फ्लेमेशन की ये परिस्थिति गंभीर होने लगती है, तो इंसान तमाम तरह की बीमारियों की ज़द में आने लगता है. उसकी सेहत बिगड़ने लगती है, शरीर को सूजन और अन्य तरह की बीमारियां घेरने लगती है. ऐसी नकारात्मक परिस्थितियों का सीधा असर उसके दिमाग पर पड़ता है, जिससे दूर भागने के लिए वो दोबारा सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है, जिससे ये स्थिति और ज्यादा बदतर होने लगती है.
बता दें कि इन्फ्लेमेशन के बाद हमारे शरीर में तमाम तरह की बीमारियां जन्म लेती है, इससे हमें ऑटोइम्यून डिजीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज, फेफड़ों के रोग, अस्थमा जैसी तमाम बीमारियों का खतरा रहता है.
Source : News Nation Bureau