logo-image

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को लिखी चिट्ठी, पूछा- मौत के आंकड़े कम क्यों नहीं हो रहे

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की तरफ से पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और बिहार सरकार को कोरोना से हो रहे मौत पर पत्र लिखा गया है.

Updated on: 15 Jun 2021, 06:27 PM

highlights

  • मौत के आंकड़े कम क्यों नहीं हो रहा है
  • मौत के आंकड़ों के साथ तारीख और जिले का नाम नहीं
  • राज्य सरकारों ने आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए

दिल्ली:

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की तरफ से पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और बिहार सरकार को कोरोना से हो रहे मौत पर पत्र लिखा गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने पत्र के माध्यम से बीते 14 दिनों में कोरोना (Covid19) के नए मामलों में कमी के बावजूद मौत के बढ़ते आंकड़े पर सवाल पूछा है.  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पत्र में पूछा है कि जब का 14 दिनों में नए मामलों में कमी आ रही है फिर मौत के आंकड़े कम क्यों नहीं हो रहा है ?

सभी राज्यों से मृतकों की सूची के साथ उनकी मौत की तारीख ,जिला और स्थान भी बताने के लिए कहा गया है. दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इस बात की आशंका है कि पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु ,महाराष्ट्र ,केरल ,बिहार और कर्नाटक में कुछ सप्ताह पहले ही कोरोना से बड़ी संख्या में मौत हुई थी, लेकिन राज्य सरकारों ने आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए और अब जब केस में कमी आ रही है तब धीरे-धीरे मौत के बैकलॉग को क्लियर करने के लिए मृत्यु बढ़ा चढ़ाकर दिखाई जा रही है.

स्वास्थ्य मंत्रालय को संदेह है कि जब कोरोना अपने पीक पर था उस समय मौत के आंकड़े को छुपाया गया. बता दें की कई राज्यों ने तो मौत के आंकड़ों के साथ तारीख और जिले का नाम तक नहीं बताया है. सिर्फ बिहार और महाराष्ट्र में कुल 5000 मौत का बैकलॉग क्लियर किया है. दिल्ली समेत कई राज्य ऐसे भी हैं जहां मौत के आंकड़ों को छुपाने की आशंका नहीं व्यक्त की गई है.

दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस बात को लेकर अधिक परेशान है कि अगर कोरोना के मामले कम होने के बावजूद लोगों की मौत सच्चाई में हो रही है तो महामारी से निपटने की नीति बदलनी होगी और अगर पुराने आंकड़े क्लियर करने की कोशिश है तो इसका अर्थ है कि पहले राज्यों ने मौत के आंकड़े छुपाए थे या उनके पास अस्पतालों से सही समय पर आंकड़े नहीं पहुंच पाए थे. क्योंकि आमतौर पर कोरोना के केस कम होने के 14 दिन के बाद मौत के आंकड़े भी कम होने चाहिए, ऐसा लगता है कि बीते डेढ़ महीने के मौत के आंकड़ों को धीरे धीरे सार्वजनिक किया जा रहा है.