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स्वास्थ्य मंत्रालय की मंजूरी, कोरोना से ठीक होने के 3 महीने बाद लगेगी वैक्सीन

स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने NEGVAC (National Expert Group on Vaccine Administration for COVID-19) की ओर से कोरोना वैक्सीन लगाने को लेकर दिए गए सुझाव को मंजूरी दे दी है.

Updated on: 19 May 2021, 05:12 PM

नई दिल्ली:

देश में कोरोना महामारी (Corona Virus) की रोकथाम के लिए लगातार सरकार की ओर से नए-नए कदम उठाए जा रहे हैं. इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने NEGVAC (National Expert Group on Vaccine Administration for COVID-19) की ओर से कोरोना वैक्सीन लगाने को लेकर दिए गए सुझाव को मंजूरी दे दी है. NEGVAC की ओर से दी गई सिफारिशों में यह कहा गया था कि कोरोना से ठीक होने के बाद मरीजों को 3 महीने के बाद ही वैक्सीन की डोज दी जाए. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस सुझाव को अनुमति दे दी है.

NEGVAC की नई सिफारिशों के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को वैक्सीन की पहली डोज़ लगाने के बाद कोरोना हो जाता है तो उसे 3 महीने के बाद ही दूसरी डोज दी जाएगी. गंभीर रूप से बीमार होने के बाद भी वैक्सीन की दो डोज के बीच 2 महीने का अंतर होना चाहिए, लेकिन वैक्सीन लगाने या करोना की रिपोर्ट आने के 14 दिनों के बाद कोई भी स्वस्थ व्यक्ति ब्लड डोनेट कर सकता है. साथ ही स्तनपान करा रही सभी महिलाओं को कोविड वैक्सीन की डोज देने के लिए कहा गया है. कोरोना वैक्सीन की डोज लेने गए लोगों का एंटीजन टेस्ट करने से इनकार किया गया है.

ऐसे करना होगा इंतजार

  • जिन व्यक्तियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. उन्हें रिकवरी के 3 महीने बाद कोरोना वैक्सीन की डोज दी जाएगी.
  • कोरोना वायरस से संक्रमित जिन्हें एंटी बॉडी या फिर प्लाज्मा दिया गया है, उन्हें भी अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 3 माह बाद वैक्सीन की डोज दी जाएगी.
  • जो लोग पहली डोज के बाद कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं, उन्हें भी रिकवरी के 3 माह बाद ही वैक्सीन की दूसरी डोज दी जाएगी.
  • ऐसे लोग जिन्हें कोई गंभीर बीमारी है और उन्हें भर्ती किए जाने या आईसीयू केयर की जरूरत है. उन्हें भी 4 से 8 हफ्ते तक वैक्सीन का इंतजार करना चाहिए.
  • गर्भवती महिलाओं को कोरोना वैक्सीन देने पर विचार किया जा रहा है. NTAGI की तरफ से इस मामले पर आगे की सूचना दी जाएगी.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का राज्यों को पत्र

इस सिफारिश का पालन करने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है. इस बारे में राज्यों से सूबे के लोगों को स्पष्ट जानकारी देने के लिए कहा गया है. केंद्र सरकार ने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए सभी माध्यमों का प्रयोग किया जाए.