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Covid-19 मौतों के आंकड़े पर WHO के खिलाफ निंदा प्रस्ताव, रिपोर्ट को बताया भ्रामक

WHO की ओर से भारत में Covid-19 से हुई मौतों को लेकर जारी किए गए आंकड़ों को केंद्र और राज्य सरकारों ने एक प्रस्ताव पास कर इसकी निंदा की है.

Updated on: 07 May 2022, 08:40 AM

highlights

  • 20 से ज्यादा स्वास्थ्य मंत्रियों ने एक सुर से रिपोर्ट को बताया गलत
  • भारत में हर मौत का आंकड़ा पूरी पारदर्शिता  किया गया है दर्ज
  • WHO का भारत में Covid-19 से 47 लाख मौतों का दावा

 

नई दिल्ली:

WHO की ओर से भारत में Covid-19 से हुई मौतों को लेकर जारी किए गए आंकड़ों को केंद्र और राज्य सरकारों ने एक प्रस्ताव पास कर इसकी निंदा की है. गुजरात के केवड़िया में शुक्रवार को आयोजित सेंट्रल काउंसिल ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर की कॉन्फ्रेंस (Central Council of health and Family welfare conference) में  कोविड 19 से देश में हुई मौतों को लेकर WHO की रिपोर्ट का मुद्दा उठाया गया. इस दौरान सभी ने एक सुर से इस रिपोर्ट को गलत बताया. इसके बाद कथित भ्रामक रिपोर्ट पेश करने पर WHO के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया.  गौरतलब है कि इस बैठक में विभिन्न राज्यों के 20 स्वास्थ्य मंत्रियों ने भाग लिया था और इसकी अध्यक्षता  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने की. 

'पूरी पारदर्शिता के साथ मौतों के आंकड़े किए गए दर्ज '
कांफ्रेंस के बाद कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि WHO ने बिना किसी वैज्ञानिक प्रमाण और तर्कसंगत तर्क के कहा है कि भारत में कोविड-19 के कारण दर्ज मौतों की संख्या वास्तविक संख्या नहीं है. उन्होंने कहा कि यहां मौजूद सभी स्वास्थ्य मंत्रियों ने इसकी निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है. उन्होंने आगे कहा कि हम अपने खुद के नंबरों पर टिके हुए हैं, क्योंकि आंकड़ों के संकलन में पूरी प्रक्रिया का भारत ने हमेशा पालन किया है. इस देश में हर मौत को वैज्ञानिक रूप से दर्ज किया गया है. भारत में कोरोना से होने वाली हर मौत का आंकड़ा पूरी पारदर्शिता के साथ सिलसिलेवार तरीके से दर्ज किया गया है.

'WHO की रिपोर्ट निंदनीय'
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंघला ने कहा कि, यह प्रस्ताव WHO के खिलाफ पारित किया गया है. उन्होंने कहा कि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने कोरोना महामारी के दौरान मौतों को लेकर गलत आंकड़े दर्शाए हैं. WHO ने सही तरीके से कैल्कुलेशन नहीं किया, हमारे सिस्टम में मृत्यु और जन्म को लेकर बेहद सही आंकड़े हैं. इसलिए हम इस मुद्दे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की निंदा करते हैं. इससे पहले केंद्र सरकार ने गुरुवार को भारत में कोरोना से होने वाली मौतों के WHO के अनुमानित आंकड़ों को खारिज कर दिया था. सरकार ने कहा कि, इस्तेमाल किए गए मॉडल की वैधता, मजबूती और डाटा कलेक्शन का तरीका संदिग्ध है.

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा था निशाना
WHO के रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला था. राहुल गांधी ने कहा था कि विज्ञान झूठ नहीं बोलता है, जबकि प्रधानमंत्री झूठ बोलते हैं. राहुल ने ट्वीट किया कि 47 लाख भारतीय नागरिकों की मौत कोविड-19 महामारी से हुई, जबकि सरकार की ओर से 4.8 लाख लोगों की मौत का दावा किया गया है. विज्ञान झूठ नहीं बोलता, मोदी बोलते हैं. उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए लिखा कि अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति संवेदना है. ऐसे हर परिवार को चार लाख रुपये की मदद दी जाए. 

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WHO ने भारत में कोविड से 47 लाख मौत का किया था दावा
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 47 लाख लोगों की मौत कोविड या स्वास्थ्य सेवाओं पर उसके असर के कारण हुई है. गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ ने वैज्ञानिकों को जनवरी 2020 और 2021 के अंत तक मौत की वास्तविक संख्या का आकलन करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिकों ने अध्ययन के बाद जो रिपोर्ट पेश की है, उसके मुताबिक दुनियाभर में 1.33 करोड़ से लेकर 1.66 करोड़ लोगों की मौत या तो कोरोना वायरस या स्वास्थ्य सेवा पर पड़े इसके प्रभाव के कारण हुई. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि कोरोना से भारत में सबसे ज्यादा 47 लाख मौतें हुई है. WHO ने अपने आंकड़े को विभिन्न देशों की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों और सांख्यिकी मॉडल पर आधारित बताया है. हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 से सीधे तौर पर मौत का विवरण नहीं मुहैया कराया है. इस रिपोर्ट के बाद डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम गेबेरियस ने इस आंकड़े को ‘गंभीर’ बताया है. उन्होंने कहा है कि इससे देशों को सीखना चाहिए और भविष्य में उत्पन्न होने वाली आपात स्वास्थ्य स्थितियों से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं के विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा निवेश करना चाहिए.