कोरोना वैक्सीन की बर्बादी रोकने के लिए जरूरी कदम, लिया गया है अब यह फैसला

देश में टीकाकरण अभियान के बीच कोरोना टीके की बर्बादी भी बहुत हो रही है. एक तरफ तो देश में टीके के लिए होड़ मची है दूसरी तरफ कई राज्यों से टीके की बर्बादी की भी खबर है. सरकार ने टीकों की बर्बादी पर आंकड़े जारी किए हैं.

देश में टीकाकरण अभियान के बीच कोरोना टीके की बर्बादी भी बहुत हो रही है. एक तरफ तो देश में टीके के लिए होड़ मची है दूसरी तरफ कई राज्यों से टीके की बर्बादी की भी खबर है. सरकार ने टीकों की बर्बादी पर आंकड़े जारी किए हैं.

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Avinash Prabhakar
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प्रतीकात्मक तस्वीर ( Photo Credit : File)

देश में टीकाकरण अभियान के बीच कोरोना टीके की बर्बादी भी बहुत हो रही है. एक तरफ तो देश में टीके के लिए होड़ मची है दूसरी तरफ कई राज्यों से टीके की बर्बादी की भी खबर है. सरकार ने टीकों की बर्बादी पर आंकड़े जारी किए हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कोविड वैक्‍सीन की सबसे ज्यादा बर्बादी (33.95 फीसद) झारखंड में हुई है. समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक केरल और पश्चिम बंगाल में मई माह में कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन की बिल्कुल भी बर्बादी नहीं हुई है. इन दोनों ही राज्यों में कोविड रोधी वैक्‍सीन की क्रमश: 1.10 लाख और 1.61 लाख खुराकें बचाई गई हैं.

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भारत सरकार ने कोरोना टीके की बर्बादी को रोकने के लिए जरुरी कदम उठाया है. सरकार ने वैक्सीनेटर को निर्देशित किया है कि वैक्सीन की प्रत्येक शीशी खोलते समय उस पर तारीख और समय को चिह्नित किया जाय. साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि सभी खुली टीकों की शीशियों को खोलने के 4 घंटे के भीतर ही उसे उपयोग में लाया जाय. अनुमान के मुताबिक इससे वैक्सीन की बर्बादी 1% या उससे कम होने की उम्मीद है.

Source : News Nation Bureau

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